<p style="text-align: justify;">रक्तदान को महादान कहा जाता है, क्योंकि इससे अनगिनत लोगों की जान बचती है. यही वजह है कि पूरी दुनिया में हर साल 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जाता है. क्या आपने कभी सोचा है कि एक बार में कोई शख्स कितने यूनिट ब्लड डोनेट कर सकता है? क्या इसकी कोई लिमिट है तो वह क्यों तय की गई है? </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>एक बार में कितना ब्लड कर सकते हैं डोनेट?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विभिन्न रक्त बैंकों के मुताबिक, एक हेल्दी शख्स एक बार में 450 मिलीलीटर (लगभग आधा लीटर या एक पिंट) ब्लड डोनेट कर सकता है. इसे आमतौर पर एक यूनिट कहा जाता है. यह मात्रा ग्लोबल लेवल पर मानक मानी जाती है. हालांकि, कुछ देशों में थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>किस देश में कितना ब्लड डोनेट करने का नियम?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">कनाडा में 450 मिलीलीटर का मतलब करीब 2 कप होता है तो अमेरिका में एक यूनिट का मतलब 460-500 मिलीलीटर होता है. वहीं, भारत में 350-450 मिलीलीटर ब्लड डोनेट करने का मानक है, जो डोनर के वजन और हेल्थ पर निर्भर होता है. जापान और सिंगापुर में 200 से 450 मिलीलीटर ब्लड डोनेट किया जा सकता है, जो डोनर के वजन के आधार पर तय होता है. इसके अलावा ब्लड डोनेट के दौरान 5-10 मिलीलीटर एक्स्ट्रा ब्लड टेस्टिंग के लिए लिया जा सकता है. यह मात्रा एक हेल्दी वयस्क के शरीर में मौजूद कुल रक्त (लगभग 5-6 लीटर) का केवल 8-10 पर्सेंट है, जो सेफ माना जाता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सिर्फ एक यूनिट ही ब्लड क्यों कर सकते हैं डोनेट?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">एक्सपर्ट्स की मानें तो एक बार में एक यूनिट (450-500 मिलीलीटर) ब्लड डोनेट करना सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि डोनर की हेल्थ पर कोई गंभीर असर नहीं पड़ता है. दरअसल, एक नॉर्मल एडल्ट के शरीर में 4.5 से 6 लीटर ब्लड होता है, जो उम्र, जेंडर और वजन के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है. एक यूनिट ब्लड डोनेट करने से शरीर में खून की मात्रा अस्थायी रूप से कम होती है, लेकिन यह कमी 24-48 घंटों में प्लाज्मा और फ्लूड से पूरी हो जाती है. वहीं, रेड ब्लड सेल्स (RBC) पूरी तरह से पुनर्जनन में 4-6 सप्ताह का वक्त लेती हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ज्यादा ब्लड डोनेट करने से क्या खतरा?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">कई रिसर्च में सामने आया है कि एक बार में 15 पर्सेंट से ज्यादा ब्लड निकालना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे क्लास 2 ब्लीडिंग (Class 2 Hemorrhage) जैसे लक्षण बन सकते हैं. इसकी वजह से चक्कर आना, कमजोरी या बेहोशी की दिक्कत हो सकती है. </p>
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<p><strong>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.</strong></p>
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