Experts views : निफ्टी का शॉर्ट टर्म ट्रेंड निगेटिव है,लेकिन मध्यम अवधि का रुझान पॉजिटिव – experts views niftys short term trend is negative but medium term trend is positive

Market trend : इजरायल-ईरान तनाव ने बाजार का मूड बिगाड़ दिया है। आज शुक्रवार को बाजार में सेंसेक्स-निफ्टी 0.5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट पर बंद हुए हैं। सेंसेक्स 573 अंक गिरा तो निफ्टी 170 प्वाइंट तक फिसलकर बंद हुआ है। निफ्टी बैंक में करीब 1 फीसदी की गिरावट रही है। हालांकि मिडकैप और स्मॉलकैप में निचले स्तर से थोड़ी रिकवरी रही। FMCG, बैंकिंग और मेटल शेयरों में दबाव देखने को मिला। डिफेंस शेयरों में खरीदारी रही। CPSE और IT इंडेक्स हल्की बढ़त पर बंद हुए हैं। ब्रेंट क्रूड में 6 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली। ब्रेंट का भाव करीब 5 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया। MCX पर सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। निफ्टी 170 प्वाइंट गिरकर 24,719 पर बंद हुआ है। सेंसेक्स 573 अंक गिरकर 81,119 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक 555 अंक गिरकर 55,527 पर बंद हुआ। मिडकैप 213 अंक गिरकर 58,227 पर बंद हुआ।

निफ्टी के 50 में से 41 शेयरों में गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स के 30 में से 26 शेयरों में गिरावट रही। निफ्टी बैंक के सभी 12 शेयरों में गिरावट देखने को मिली है। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 48 पैसे कमजोर होकर 86.08 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ है।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि कमजोर ग्लोबल संकेतों और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली के कारण भारतीय इक्विटी बेंचमार्क में गिरावट का दबाव देखने को मिला। इजरायल द्वारा ईरान पर सैन्य हमले के बाद बढ़े भू-राजनीतिक तनाव से बाजार के सेंटींमेंट पर खासा असर पड़ा है। जिससे निवेशकों में जोखिम से बचने का रुझान बढ़ गया है। हालांकि मई में भारत की कोर महंगाई आरबीआई की मान्य लिमिट के नीचे आ गई है जो एक पॉजिटिव मैक्रो संकेत है। लेकिन बाजार पर आज खराब ग्लोबल माहौल का असर हावी रहा। ब्रेंट क्रूड की कीमतें 76 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गईं,जो इस साल का उच्चतम स्तर है। अगर तनाव जारी रहा तो महंगाई बढ़ने की आशंका बढ़ जाएगी। सोने की मांग मजबूत बनी हुई है। ये जोखिम से बचने और सोने जैसे सुरक्षित निवेश विकल्प की तरफ रुझान बढ़ने का संकेत है। निकट भविष्य में,भू-राजनीतिक स्थिरता लौटने तक बाजार में सतर्कता का रुख कायम रहने की संभावना है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के एसवीपी रिसर्च,अजीत मिश्रा का कहना है कि बाजार में गुरुवार की गिरावट आगे बढ़ती दिखी और इंडेक्स 0.50 से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुए। बाजार की शुरुआती प्रतिक्रिया मुख्य रूप से मध्य पूर्व के भू-राजनीतिक तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमतों में तेज बढ़त से प्रेरित थी। हालांकि, रिटेल महंगाई में नरमी ने गिरावट को सीमित रखने में मदद की। तकनीकी नजरिए से देखें तो निफ्टी एक बार फिर अपने शॉर्ट मूविंग एवरेज (20 डीईएमए) से नीचे फिसल गया,लेकिन हाल के कंसोलीडेशन रेंज (24,500-25,200) के निचले छोर को छूने के बाद तेजी से वापसी करता दिखा। इससे आगे भी कंसलीडेशन जारी रहने का संकेत मिल रहा है।

मौजूदा स्थिति को देखते हुए ट्रेडरों को BUY और Shell दोनों साइड की पोजीशन बनाने और संतुलित नजरिया बनाए रखने की सलाह होगी। कुछ खास सेक्टरों और थीम पर फोकस करें। बहुत आक्रामक दांव लगाने से बचें।

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एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी अनुसंधान विश्लेषक नागराज शेट्टी का कहना है कि इजरायल और ईरान के बीच भू-राजनीतिक तनाव और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच निफ्टी में शुक्रवार को भी कमजोरी जारी रही। डेली टाइम फ्रेम चार्ट के मुताबिक ओवरऑल चार्ट पैटर्न 25222 पर शॉर्ट टर्म टॉप रिवर्सल पैटर्न बनने का संकेत दे रहा है।

निफ्टी का शॉर्ट टर्म ट्रेंड निगेटिव है,लेकिन इसका मध्यम अवधि का रुझान पॉजिटिव बना हुआ है। निफ्टी फिर से 24500-25100 के व्यापक हाई लो रेंज में प्रवेश कर गया है। इसलिए, 24500 से नीचे की कोई भी तेज गिरावट बिकवाली को बढ़ावा दे सकती है। हालांकि,सपोर्ट लेवल से आने वाला कोई भी मजबूत उछाल निकट अवधि में निफ्टी को फिर से 25100 के स्तर की ओर ले जा सकता है।

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