asteroid 2024 YR4 hitting the Moon in 2032 has increased know possible cosmic event and its effects

एस्टेरॉयड 2024 YR4 एक 53 से 67 मीटर के डायमीटर वाला अंतरिक्षीय पिंड है, जो वैज्ञानिकों की निगरानी में है. यह आकार उस एस्टेरॉयड जितना है जिसने 1908 में रूस के तुंगुस्का क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी.

एस्टेरॉयड 2024 YR4 एक 53 से 67 मीटर के डायमीटर वाला अंतरिक्षीय पिंड है, जो वैज्ञानिकों की निगरानी में है. यह आकार उस एस्टेरॉयड जितना है जिसने 1908 में रूस के तुंगुस्का क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी.

विशेषज्ञों के अनुसार, अगर यह धरती से टकराता तो एक पूरे शहर का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता था. सौभाग्य से अब यह धरती के बजाय चंद्रमा की दिशा में बढ़ रहा है.

विशेषज्ञों के अनुसार, अगर यह धरती से टकराता तो एक पूरे शहर का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता था. सौभाग्य से अब यह धरती के बजाय चंद्रमा की दिशा में बढ़ रहा है.

फरवरी 2025 तक वैज्ञानिकों का मानना था कि टक्कर की संभावना 3.8% है, लेकिन मई 2025 में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) से प्राप्त नई जानकारी के अनुसार, यह संभावना बढ़कर 4.3% हो गई है.

फरवरी 2025 तक वैज्ञानिकों का मानना था कि टक्कर की संभावना 3.8% है, लेकिन मई 2025 में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) से प्राप्त नई जानकारी के अनुसार, यह संभावना बढ़कर 4.3% हो गई है.

यह बदलाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे चंद्रमा की सतह पर एक नया बड़ा गड्ढा बन सकता है. यह न केवल खगोल विज्ञान के लिए एक प्रयोगशाला जैसा मौका होगा, बल्कि ब्रह्मांडीय टकरावों के अध्ययन में भी सहायक साबित हो सकता है.

यह बदलाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे चंद्रमा की सतह पर एक नया बड़ा गड्ढा बन सकता है. यह न केवल खगोल विज्ञान के लिए एक प्रयोगशाला जैसा मौका होगा, बल्कि ब्रह्मांडीय टकरावों के अध्ययन में भी सहायक साबित हो सकता है.

अगर यह टक्कर होती है तो वैज्ञानिकों के लिए यह किसी प्रयोगशाला के परीक्षण की तरह होगा. इससे निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी मिलेगी. वैज्ञानिकों को टकराव की गति और एनर्जी का अध्ययन करने का मौका मिलेगा. चंद्रमा की सतह की संरचना और उसकी प्रतिक्रिया समझने का अवसर मिलेगा.

अगर यह टक्कर होती है तो वैज्ञानिकों के लिए यह किसी प्रयोगशाला के परीक्षण की तरह होगा. इससे निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी मिलेगी. वैज्ञानिकों को टकराव की गति और एनर्जी का अध्ययन करने का मौका मिलेगा. चंद्रमा की सतह की संरचना और उसकी प्रतिक्रिया समझने का अवसर मिलेगा.

इस अध्ययन की अगुवाई जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी के एंडी रिवकिन कर रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया है कि टक्कर से चंद्रमा को कोई स्थायी नुकसान नहीं होगा, न ही उसकी कक्षा में कोई बदलाव आएगा.

इस अध्ययन की अगुवाई जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी के एंडी रिवकिन कर रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया है कि टक्कर से चंद्रमा को कोई स्थायी नुकसान नहीं होगा, न ही उसकी कक्षा में कोई बदलाव आएगा.

अगर टक्कर होती है तो यह खगोल विज्ञान प्रेमियों और आम जनता दोनों के लिए एक चमत्कार हो सकता है. यह घटना दूरबीनों से स्पष्ट रूप से देखी जा सकेगी और शायद इसे टीवी और इंटरनेट पर भी लाइव प्रसारित किया जाएगा.

अगर टक्कर होती है तो यह खगोल विज्ञान प्रेमियों और आम जनता दोनों के लिए एक चमत्कार हो सकता है. यह घटना दूरबीनों से स्पष्ट रूप से देखी जा सकेगी और शायद इसे टीवी और इंटरनेट पर भी लाइव प्रसारित किया जाएगा.

चूंकि वर्तमान में 2024 YR4 पृथ्वी से बहुत दूर है, इसकी कक्षा का निर्धारण चुनौतीपूर्ण है, लेकिन 2028 में यह फिर से पृथ्वी के पास आएगा. उस दौरान खगोलविद इसके मार्ग का और सटीक विश्लेषण कर पाएंगे. इससे यह तय करने में मदद मिलेगी कि 2032 में टक्कर होगी या नहीं.

चूंकि वर्तमान में 2024 YR4 पृथ्वी से बहुत दूर है, इसकी कक्षा का निर्धारण चुनौतीपूर्ण है, लेकिन 2028 में यह फिर से पृथ्वी के पास आएगा. उस दौरान खगोलविद इसके मार्ग का और सटीक विश्लेषण कर पाएंगे. इससे यह तय करने में मदद मिलेगी कि 2032 में टक्कर होगी या नहीं.

Published at : 12 Jun 2025 12:31 PM (IST)

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