SEBI UPI Rule: शेयर बाजार के निवेशकों की सुरक्षा को और मज़बूत करने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक नई पेमेंट सिस्टम ‘Pay Right’ लॉन्च की है. यह सिस्टम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर आधारित है और इसका उद्देश्य है कि निवेशकों के पैसे सही और रजिस्टर्ड ब्रोकर या अन्य वित्तीय संस्थानों तक सुरक्षित रूप से पहुंचें.
क्या है ‘Pay Right’ सिस्टम?
SEBI का ‘Pay Right’ सिस्टम खासतौर पर निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए बनाया गया है. इसके तहत अब केवल SEBI-रजिस्टर्ड ब्रोकर, म्यूचुअल फंड कंपनियां और अन्य संबंधित संस्थानों को ही विशेष UPI आईडी ‘@payright’ के साथ भुगतान लेने की अनुमति मिलेगी. यह UPI ID पहचानने में आसान होगी और हरे रंग की ‘थंब्स अप’ (अंगूठा ऊपर) चिह्न के साथ दिखाई देगी जिससे ग्राहक असली और नकली आईडी में फर्क कर सकें.
कौन-कौन कर सकेगा इसका उपयोग?
SEBI से रजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर और म्यूचुअल फंड हाउस को यह हैंडल उपलब्ध कराया जाएगा. इन संस्थाओं को ही विशेष UPI हैंडल जैसे abc.bkr@payrighthdfc ब्रोकर के लिए और abc.mf@payrighthdfc म्यूचुअल फंड के लिए मुहैया कराई जाएगी. ये IDs केवल कड़े OTP और SEBI पोर्टल वेरिफिकेशन के बाद ही जारी की जाएंगी.
क्या होगा फायदा?
इससे होने वाली धोखाधड़ी से सुरक्षा मिलेगी, जिससे गलत अकाउंट में पैसा ट्रांसफर होने की आशंका नहीं होगी. रियल टाइम में वेरिफिकेशन का ऑप्शन होगा, जिससे निवेशक तुरंत जान सकें कि वे सही अकाउंट में पैसा भेज रहे हैं या नहीं. अभी तक UPI के ज़रिए प्रति दिन 2 लाख रुपए की सीमा थी, लेकिन ‘Pay Right’ के तहत यह सीमा 5 लाख रुपए कर दी गई है.
बड़ी राशि के लिए क्या है विकल्प?
अगर कोई निवेशक 5 लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान करना चाहता है, तो उसे NEFT या RTGS जैसे अन्य माध्यमों का इस्तेमाल करना होगा. SEBI ने कहा है कि इस सीमा की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ी तो इसे बदला भी जा सकता है.
निवेशकों के लिए चलेगा जागरूकता अभियान
SEBI और बैंक मिलकर ग्राहकों को इस नई व्यवस्था के बारे में जागरूक करने के लिए डिजिटल माध्यमों जैसे SMS, ईमेल, वेबसाइट और सोशल मीडिया के जरिए जानकारी देंगे. इसके अलावा, स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरी जैसी संस्थाएं भी इस व्यवस्था को सफल बनाने में भूमिका निभाएंगी.
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