Muslim first pilgrimage of Hajj was made by Prophet Muhammad to Mecca in 632 AD

First Hajj Pilgrimage: इस्लाम धर्म में हज करना काफी अहम माना जाता है. इस्लाम धर्म के पांच स्तंभों में से एक स्तंभ हज है. हज की यात्रा शुरू हो चुकी है. दुनियाभर के मुसलमान हज की यात्रा के लिए मक्का-मदीना पहुंचते हैं और पवित्र काबा की परिक्रमा करते हैं. ऐसे में कभी आपने ये सोचा है कि आखिरकार हज की यात्रा सबसे पहले किसने और कब की थी? आज हम इस सवाल का जवाब जानेंगे. 

इस्लामिक ग्रंथ कुरान में हज को लेकर एक संपूर्ण सूरा (अध्याय) भी है. जिसमें अल्लाह “सुभानहु वा ता’अला” ने अपने बंदों के लिए फरमाया है कि जीवन में कम से कम एक बार भी हज की यात्रा जरूर करनी चाहिए. अल्लाह सभी मुसलमानों को हज और मक्का की यात्रा करने को कहते हैं. हज के पहले दिन को तवाफ कहते हैं, जिसमें हाजी काबा के चारों ओर 7 बार उल्टी दिशा में घूमते हैं. फिर इसके बाद मक्का से मीना की ओर रवाना होते हैं. 

किसने की थी हज की पहली यात्रा?
इस्लामिक वेबसाइट इस्लामिक रिलीफ यूके के अनुसार हज की शुरुआत पहली बार पैगंबर मुहम्मद ने 632 ई. में, की थी. हज की रस्में 15 हजार साल से भी ज्यादा पुरानी है. अपने जीवनकाल में पैगंबर मोहम्मद ने सिर्फ एक बार ही हज की यात्रा की थी. और इसके बाद से ही हज की परंपरा दुनियाभर के मुसलमानों द्वारा जारी है. इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक हज प्रत्येक वर्ष चंद्र कैलेंडर की अवधि के दौरान होता है. साल 2019 में हज की यात्रा पर 2.5 मिलियन लोगों ने हज किया था. 

Hajj 2025 News: हज 2025 की यात्रा हुई शुरू... क्या आपको पता है पहली हज यात्रा किसने और कब की थी?

हज की यात्रा पर दुनियाभर से मुस्लिम तीर्थयात्री आते हैं, जिनमें ज्यादातर गैर सऊदी तीर्थयात्री देशों से आते हैं. 2019 में इनमें एशियाई देशों से 59 फीसदी लोग आते हैं. पाकिस्तान से 12 फीसदी, यमन से 10 फीसदी, भारत से 9.8 फीसदी, सूडान से 5.8 फीसदी और बांग्लादेश से 4.3 फीसदी तीर्थयात्री आते हैं. ये आंकड़े साल 2019 में हज पर आए तीर्थयात्रियों के आधार पर है. 

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