Shani Dev Puja Niyam: सनातन धर्म में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता है. इसी तरह शनिवार का दिन भगवान शनि को समर्पित होता है. इस दिन शनि देव की नियमबद्ध तरीके से पूजा करनी चाहिए. अगर आपको किसी विशेष काम में सफलता चाहिए तो शनि देव की पूजा करने से वो काम सिद्ध हो जाता है. आज जानेंगे शनि देव की पूजा करने के नियम कायदे क्या है?
शनि देव को न्याय और कर्म का देवता माना जाता है. वहीं जिन लोगों पर शनि देव की साढ़ेसाती या महादशा चल रही है, उन लोगों को शनि भगवान की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. धार्मिक मान्यताएं है कि शनि देव की पूजा नियमों के अनुसार न करने से पूजा का पूर्ण फल नहीं प्राप्त होता है. इसलिए शनि देव की पूजा कर रहे हैं तो कुछ नियमों को जान लेना चाहिए.
शनि देव की पूजा करने के नियम?
- शनि देव की पूजा करने से पहले स्नान कर साफ वस्त्रों को धारण करें.
- शनि देव की पूजा करने के लिए ‘ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ मंत्र का उच्चारण करें.
- उनकी आरती करते वक्त सरसों तेल का दीपक और धूप जलाएं.
- शनि देव की पूजा करने के दौरान कभी भी उन्हें लाल फूल न चढ़ाएं. लाल फूल मंगल का परिचायक होता है.
- भगवान शनि देव की पूजा करने के दौरान सच्चे मन से उनकी प्रार्थना करें.
- शनि देव को भोग लगाने के लिए मिठाई या फल का इस्तेमाल करना चाहिए.
शनि देव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में अशुभ ग्रह शांत होते हैं, साथ ही नकारात्मक चीजें हमेशा दूर रहती है. शनि देव की नियमित रूप से पूजा करने से व्यक्ति को सभी तरह के रोगों से मुक्ति मिलने के साथ ही नौकरी, व्यापार और रोजगार में सफलता मिलती है. जिस किसी का कोई काम रूका हुआ है तो उसे प्रत्येक शनिवार को मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. सबसे अहम बात ये है कि शनि देव की पूजा करने से जीवन में सुधार तो आता ही है लेकिन जो लोग दूसरों की भलाई करते हैं, उनका अच्छा सोचते हैं या गरीबों की मदद करते हैं, उनसे भी शनि देव खुश होते हैं.
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