Market Outlook: शॉर्ट टर्म में बाजार में अनिश्चितता रहेगी जारी, बैंक, फार्मा सेक्टर में निवेश से बनेगा पैसा – market outlook uncertainty will continue in the market in the short term money will be made by investing in bank pharma sector

Market Outlook: RBI क्रेडिट पॉलिसी के बाद बाजार का जोश फुल हाई है। रेपो रेट, CRR कटौती के बाद बाजार जमकर झूमा । सेंसेक्स-निफ्टी करीब 1% की बढ़त पर बंद हुए। सेंसेक्स 747 प्वाइंट चढ़ा तो निफ्टी ने 252 प्वाइंट की छलांग लगाई। निफ्टी बैंक रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ। ऐसे में बाजार में आगे की चाल पर बात करते हुए ICICI Pru AMC के सीनियर फंड मैनेजर मित्तुल कलावाडिया (Mittul Kalawadia) ने कहा कि शॉर्ट टर्म में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। डोमेस्टिक, मैक्रोइकॉनॉमिक्स ठीक है, लेकिन ग्लोबल इकोनॉमी में अनसर्टेनिटी है। ग्लोबल इकोनॉमी से भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हालांकि ग्लोबल स्लोडाउन का कितना असर देखना होगा यह कहना मुश्किल है।

कई सेक्टर्स पर ग्लोबल स्लोडाउन का असर दिखा। कई सेक्टर के वैल्युएशन बहुत महंगे है। वोलैटिलिटी में हाइब्रिड स्ट्रैटेजी बेहतर होती है।

किन सेक्टर्स में फोकस?इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में निवेश बढ़िया है। बैंकिंग सेक्टर के वैल्युएशन भी किफायती है। रिटेल सेक्टर में एक्सपोजर ज्यादा है। टेलीकॉम, ऑटो सेक्टर में संभावनाएं नजर आ रही है क्योंकि टेलीकॉम सेक्टर के वैल्युएशन भी सही है। फार्मा सेक्टर में हमारा एक्सपोजर है।

हाइब्रिड फंड की स्ट्रैटेजी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कई एसेट क्लास में निवेश की स्ट्रैटेजी होती है। इक्विटी और डेट, दोनों में निवेश होता है। डेट-इक्विटी में अलग-अलग एक्सपोजर है। इससे पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन में मदद मिलती है। इक्विटी फंड के मुकाबले हाइब्रिड में रिस्क कम है। लंबी अवधि में कंपनियों के इक्विटी स्टॉक में निवेश किया। ये स्कीमें इक्विटी के जरिए पूंजी को बढ़ाती हैं। कम रिस्क लेने वाले निवेशकों के लिए सही है। वोलैटिलिटी में हाइब्रिड की परफॉर्मेंस बढ़िया रही।

कितने तरह के हाइब्रिड फंड?कंजर्वेटिव हाइब्रिड, बैलेंस्ड हाइब्रिड, एग्रेसिव हाइब्रिड, बैलेंस्ड एडवांटेज फंड, मल्टी एसेट एलोकेशन फंड, आर्बिट्राज फंड और इक्विटी सेविंग्स फंड ये सभी हाइब्रिड फंड है।

आईसीआईसीआई प्रू इक्विटी और डेट फंड पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 65-80% इक्विटी, इक्विटी इंस्ट्रूमेंट में एक्सपोजर है। इक्विटी से ग्रोथ और डेट से स्थिरता आती है। फंड को बाजार के उतार-चढ़ाव के हिसाब से मैनेज करते हैं। लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सलाह होगी। एसेट एलोकेशन को बैलेंस करके निवेश करें।

Market This week: आरबीआई का डबल डोज, 2 हफ्ते की गिरावट पर लगा ब्रेक, इस हफ्ते वीकली आधार पर बाजार में दिखी बढ़त

(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

Read More at hindi.moneycontrol.com