International Organization for Mediation: चीन अब संयुक्त राष्ट्र को सीधी टक्कर देने जा रहा है. शुक्रवार (30 मई, 2025) को ड्रैगन ने दर्जनों देशों के साथ मिलकर नया वैश्विक मध्यस्थता समूह बनाया है. इस समूह में पाकिस्तान, इंडोनेशिया, बेलारूस समेत कई देश शामिल हुए.
चीनी विदेश मंत्रालय के मुताबिक हांगकांग में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता संगठन (आईओमेड) की स्थापना पर एक सम्मेलन का आयोजन हुआ. इसमें एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और यूरोप के 85 देशों के साथ-साथ लगभग 20 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लगभग 400 उच्च-स्तरीय प्रतिनिधियों ने शिरकत की.
33 देश बने संस्थापक सदस्य
मंत्रालय के अनुसार इनमें से 33 देशों ने मौके पर ही कन्वेंशन में हस्ताक्षर किए और इसके संस्थापक सदस्य देश बन गए. सीपीसी केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने समारोह में कहा कि चीन ने हमेशा आपसी समझ और समझौते की भावना से मतभेदों को सुलझाने, बातचीत और परामर्श के माध्यम से आम सहमति बनाने, जीत की मानसिकता के साथ विकास को बढ़ावा देने और दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ चुनौतियों का समाधान करने की वकालत की है.
संयुक्त राष्ट्र को टक्कर देने की तैयारी में चीन
चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर शुक्रवार को प्रकाशित एक बयान के अनुसार वांग ने कहा कि आईओएमईडी की स्थापना अंतरराष्ट्रीय कानून के क्षेत्र में एक अहम कदम है और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के इतिहास में इसका महत्वपूर्ण महत्व है. वांग ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों को मूर्त रूप देता है और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही संस्थागत कमी को पूरा करता है.
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हस्ताक्षर समारोह में भाग लेने वाले देशों में इंडोनेशिया, पाकिस्तान, लाओस, कंबोडिया और सर्बिया शामिल थे. संयुक्त राष्ट्र सहित 20 अंतरराष्ट्रीय निकायों के प्रतिनिधियों के भी भाग लेने की उम्मीद थी. कुछ विश्लेषकों ने कहा कि मध्यस्थता समूह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन के प्रभाव को बढ़ा सकता है और वैश्विक शासन में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए अधिक मुखर भूमिका को बढ़ावा दे सकता है, हालांकि रॉयटर्स के अनुसार इसकी सफलता अभी देखी जानी बाकी है.
चाइनीज एसोसिएशन ऑफ हांगकांग एंड मकाऊ स्टडीज के सदस्य चू कार-किन ने शुक्रवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि आईओएमईडी शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण समाधान के लिए एक आधिकारिक प्रतीक है और आईओएमईडी की स्थापना वैश्विक विवाद समाधान में एक नया अध्याय जोड़ती है.
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