Rambha teej 2025 Apsara Rambha Cursed which became the reason for the destruction of Ravana

Rambha Teej 2025: पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रंभा तीज मनाया जाता है. सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए इस दिन व्रत रखती हैं और पूजा-पाठ करती हैं. इस साल रंभा तीज आज गुरुवार 29 मई को है.

रंभा तीज पर देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा का महत्व है. इसके साथ ही कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे वर की कामना के साथ इस दिन व्रत रखती हैं. रंभा तीज के व्रत और पूजन से सुख, सौभाग्य में वृद्धि होती है और वैवाहिक जीवन का सुख मिलता है.

रंभा को लेकर पुराणों और धर्म ग्रंथों में ऐसा जिक्र मिलता है कि रंभा समुंद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थी. रंभा की गिनती 11 दैवीय अप्सराओं में होती है, वह अप्सराओं की रानी थी. रंभा का अद्वितीय सौंदर्य, मधुर वाणी, नृत्य-कला ऐसा मोहक स्वाभाव था, जिस पर हर कोई मोहित हो जाता था. जब रंभा समुद्र मंथन से प्रकट हुई तो देवता और दानव दोनों ही पक्ष में किसी के पास न जाकर उसने स्वर्ग में रहना चाहा. पौराणिक कथाओं के अनुसार रंभा ने ही रावण को श्राप दिया था कि, उसकी मृत्यु एक स्त्री के कारण होगी. आइये रंभा तीज पर जानते हैं रावण और रंभा से जुड़ी यह कथा-

कैसे रावण की मृत्यु का कारण बना रंभा का श्राप

रावण भले ही महाशक्तिशाली और बलवान था, लेकिन वह पराई स्त्रियों पर वासनायुक्त नजर भी रखता था, जोकि उसके विनाश का कारण बना. वाल्मीकि रामायण के अनुसार विश्व विजय के बाद एक बार रावण स्वर्ग लोक पहुंचा जहां उसे रंभा अप्सरा नजर आई. रंभा की सुंदरता और सौंदर्य को देखते ही रावण ने कामातुर होकर उसे पकड़ लिया. अप्सरा रंभा ने रावण से कहा कि आप मुझे इस तरह स्पर्श न करें, मैं तो आपके बड़े भाई कुबेर के बेटे नलकुबेर के लिए आरक्षित हूं. इस लिहाज से तो मैं आपकी पुत्रवधू हूं.

रावण ने इसके बावजूद रंभा से दुराचार किया. दुखी होकर रंभा ने रावण को श्राप दे दिया कि आज के बाद वह किसी स्त्री की इच्छा के बिना उसे स्पर्श नहीं कर पाएगा. अगर उसने ऐसा किया तो उसका मस्तक टुकड़ों में बंट जाएगा. यही कारण था कि सीता का हरण करने के बाद भी रावण उसे छू भी न सका.

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