Libya Emir Al Mahdi Mansoor Al Gaddafi reached mecca medina for Hajj from Libya after lot of efforts

कहते हैं कि जैसे अल्लाह अपने दर पर बुलाता है, उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती. ऐसा ही कुछ करिश्मा हुआ है लीबिया के रहने वाले युवक अमीर अल महदी मंसूर अल गद्दाफी के साथ. जिन्होंने इस साल हज करने का प्लान बनाया था और अल्लाह पर अटूट विश्वास ने उन्हें मक्का-मदीना पहुंचाया.

अमीर अल महदी मंसूर अल गद्दाफी एक ग्रुप के साथ हज यात्रा पर जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे, लेकिन एयरपोर्ट पर उनके नाम को लेकर विवाद हो गया. उनके उपनाम में अल गद्दाफी जुड़ा होने के कारण सुरक्षा कारणों के चलते आमिर को इमिग्रेशन पर रोक लिया गया.

आमिर को काउंटर पर ही रोक कर रखा गया

आमिर के साथ के सभी लोग फ्लाइट में बैठ गए, लेकिन आमिर को काउंटर पर ही रोक कर रखा गया. उनकी लाख कोशिशों के बावजूद फ्लाइट कैप्टन ने कथित तौर पर सुरक्षा अनिश्चितता और शेड्यूलिंग बाधाओं का हवाला देते हुए उनके बिना ही जहाज को रवाना कर दिया. हालांकि, आमिर का दृढ़ निश्चय था कि वो हज पर जाकर ही रहेंगे.

तकनीकी खराबी के कारण 2 बार जहाज वापस आया

आमिर ने कहा कि मैं यहां से नहीं हटूंगा और हज पर जाने को लेकर उनकी एयरपोर्ट कर्मियों से बहस होती रही. कुछ ही देर बाद विमान में तकनीकी खराबी आ गई और उसे वापस लौटना पड़ा. थोड़ी सी मरम्मत के बाद विमान ने फिर से उड़ान भरी, लेकिन एक बार फिर जहाज में तकनीकी समस्या आने के कारण उसे फिर से वापस एयरपोर्ट पर लौटना पड़ा.

तीसरी बार आमिर को लेकर रवाना हुआ जहाज
यात्रियों और क्रू मेंबर के मुताबिक दूसरी आपातकालीन लैंडिंग के बाद कैप्टन ने घोषणा करते हुए कहा कि मैं कसम खाता हूं कि जब तक आमिर हमारे साथ इस विमान में नहीं होगा, मैं फिर से उड़ान नहीं भरूंगा. अधिकारियों ने तुरंत आमिर को यात्रा के लिए मंजूरी दे दी. तीसरी बार में आमिर के साथ जहाज बिना किसी घटना के रवाना हो गया. यह कहानी सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई और कई लोगों ने इसे अल्लाह की मर्जी बताया. 

बाद में मीडिया से बात करते हुए आमिर ने कहा मैं हज पर जाना चाहता था और मुझे विश्वास था कि अगर यह मेरी किस्मत में लिखा है तो कोई भी ताकत इसे रोक नहीं सकती.

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