F&O Expiry: सेबी ने एक्सपायरी के लिए सिर्फ मंगलवार या गुरुवार का विकल्प दिया, जानिए क्या है इसका मतलब – sebi f and o expiry sebi provided only two day expiry options for derivative contracts expiry tuesday or thursday know what does it mean nse bse

सेबी ने डेरिवेटिव एक्सपायरी के दिनों को लेकर एक सर्कुलर जारी किया है। रेगुलेटर की तरफ से 26 मई को एक्सचेंजों के लिए इश्यू इस सर्कुलर में कहा गया है कि डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी सिर्फ मंगलवार या गुरुवार को होगी। रेगुलेटर ने एक्सचेजों को इक्विटी डेरिवेटिव के एक्सपायरी डेज के लिए नए सिरे से अप्लाई करने को कहा है। अभी एनएसई में इक्विीट डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी गुरुवार को होती है और बीएसई में मंगलवार को होती है।

एक्सपायरी के लिए सिर्फ मंगलवार या गुरुवार का विकल्प

SEBI के नए सर्कुलर के मुताबिक, हर एक्सचेंज को सिर्फ एक वीकली बेंचमार्क इंडेक्स ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट की इजाजत दी जाएगी। इसकी एक्सपायरी मंगलवार या गुरुवार को हो सकती है। बेंचमार्क इंडेक्स ऑप्शंस के अलावा बाकी सभी इक्विटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी हर महीने के आखिरी हफ्ते में चुने गए दिन यानी मंगलवार या अंतिम गुरुवार को होगी। सेबी ने इस बारे में 27 मार्च को एक कंसल्टेशन पेपर इश्यू किया था। इसमें एक्सपायरी के लिए दिन निश्चित करने की बात कही गई थी।

एक्सचेंजों को 15 जून तक सौंप देना होगा अपना प्रस्ताव

रेगुलेटर ने एक्सचेंजों से यह भी कहा है कि एक्सपायरी डेज में किसी तरह का बदलाव करने से पहले उन्हें सेबी की इजाजत लेनी पड़ेगी। सेबी ने कहा है कि एक्सचेंजों को एक्सपायरी डे के अपने सेलेक्शन के बारे में अपना प्रस्ताव 15 जून तक सौंप देना होगा। सेबी का मानना है कि एक से ज्यादा एक्सचेंज वाले सिस्टम में एक्सपायरी के लिए हफ्ते में अलग-अलग दिन तय करने से कंसंट्रेशन रिस्क घटता है। इसके अलावा एक्सचेंजों को मार्केट पार्टिसिपेंट्स के लिए अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट्स पेश करने का मौका मिलता है।

सेबी के नए नियमों के होंगे ये फायदें

सेबी का कहना है कि एक्सपायरी के दिन एक से ज्यादा होने पर एक्सपायरी के दिन एक्टिविटी काफी बढ़ जाती है, जिसका खराब असर इनवेस्टर्स के हितों और मार्केट स्टैबिलिटी पर पड़ने का डर होता है। मार्केट्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक्सपायरी का दिन सिर्फ मंगलवार या गुरुवार रखने से मार्केट एक्टिविटी में बहुत ज्यादा उतारचढ़ाव नहीं होगा, जिससे सर्विलांस सिस्टम पर भी दबाव घटेगा। इस बारे में सेबी ने मार्च में तब कंसल्टेशन पेपर पेश किया था, जब एनएसई ने निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए वीकली और मंथली एक्सपायरी के दिन को बदलकर सोमवार कर दिया था। इससे एक दिन पहले बीएसई ने एक्सपायरी के दिन को मंगलवार किया था।

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बीएसई और एनएसई में बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने की होड़

ध्यान में रखने वाली बात है कि NSE और BSE फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&I) सेगमेंट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इससे दोनों के बीच प्रतियोगित बढ़ गई है। इस साल मार्च में डेरिवेटिव मार्केट में बीएसई की बाजार हिस्सेदारी 36.5 फीसदी थी। यह फाइनेशियल ईयर 2023-24 की दूसरी तिमाही में 4.2 फीसदी हिस्सेदारी के मामले में काफी ज्यादा है। एनएसई डेरिवेटिव मार्केट में बाजार हिस्सेदारी के मामले में बीएसई से आगे है।

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