Bangladesh political crisis interim PM muhammad yunus Want to give resignation know reason behind this decision

Bangladesh Political Crisis: नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस 2024 में छात्र-आंदोलन के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख बने थे. वह अब खुद को राजनीतिक सैन्य और सामाजिक दबाव में घिरा पा रहे हैं. उन्होंने हाल ही में एक बैठक में कहा कि अगर मैं काम नहीं कर सकता तो मुख्य सलाहकार होने का क्या मतलब है. उनका इशारा अपने पद से इस्तीफा देने का था. आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने ये बयान इस वजह से भी दिया है कि क्योंकि राजनीतिक दलों में सहमति की कमी दिखाई दे रही है. इसके अलावा चुनाव की तारीख तय करने में देरी और सेना और सरकार के बीच गहराता अविश्वास भी मुख्य कारण हो सकते हैं. 
 
बांग्लादेश में सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने दिसंबर 2025 तक चुनाव करवाने की चेतावनी दी है. इसके साथ ही उन्होंने यूनुस सरकार की म्यांमार सीमा पर मानवीय गलियारा योजना को ब्लड कॉरिडोर कहकर सिरे से खारिज कर दिया. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने मोहम्मद यूनुस के फैसले पर कहा कि बांग्लादेश की संप्रभुता के खिलाफ कोई कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह टिप्पणी स्पष्ट संकेत देती है कि सेना अब केवल निरीक्षक की भूमिका में नहीं, बल्कि नीतिगत निर्णयों पर भी प्रभाव डाल रही है.

बीएनपी नेता खांडाकर की चेतावनी

बांग्लादेश में लगातार विपक्षी सरकार लगातार प्रदर्शन कर रही है, जिसका असर मोहम्मद यूनुस पर दिखाई दे रहा है. बीएनपी और विपक्ष की मांगें है कि चुनाव की स्पष्ट तारीख घोषित हो. 2020 ढाका मेयर चुनाव के फैसले को मान्यता मिले. अवामी लीग के खिलाफ मुकदमा तेज किया जाए. वहीं बीएनपी नेता खांडाकर मुशर्रफ हुसैन ने स्पष्ट कहा कि अगर सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरती तो हम समर्थन वापस ले सकते हैं.

छात्र पार्टी के लीडर का बयान

छात्र नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी के प्रमुख अनहिद इस्लाम ने बीबीसी बांग्ला को बताया कि यूनुस मुख्य सलाहकार के रूप में अपनी भूमिका जारी रखने को लेकर अनिश्चित होते जा रहे हैं, क्योंकि राजनीतिक दल प्रमुख सुधारों पर आम सहमति बनाने में विफल रहे हैं. इस्लाम ने यूनुस के बारे में कहा कि उन्होंने बताया कि मुझे देश में बदलाव और सुधार लाने के लिए बड़े पैमाने पर विद्रोह के बाद यहां लाया गया था. लेकिन मौजूदा स्थिति में, आंदोलनों के बढ़ते दबाव और जिस तरह से मुझे किनारे किया जा रहा है… मैं इस तरह से काम नहीं कर सकता.

बांग्लादेशी अखबार प्रोथोम अल ने बताया कि यूनुस ने अपने सलाहकारों के साथ बैठक में कहा कि “अगर वह ठीक से काम नहीं कर सकते तो मुख्य सलाहकार होने का क्या मतलब है?” हालांकि इस्तीफे के बारे में यूनुस के कार्यालय से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन रिपोर्ट्स सेना और अंतरिम सरकार के बीच बढ़ते तनाव का संकेत देती हैं.

ह्यूमन राइट्स वॉच और अंतरराष्ट्रीय आलोचना

Human Rights Watch ने यूनुस सरकार पर भी कई तरह के आरोप लगाए हैं. Human Rights Watch के मुताबिक यूनुस सरकार मौलिक स्वतंत्रताओं को कुचलने का काम कर रही है. पूर्व सत्ताधारी अवामी लीग पर राजनीतिक प्रतिबंध लगाने का काम किया, जो नैतिक रूप से बिलकुल सही नहीं है. HRW रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सरकार पूर्ववर्ती तानाशाही शैली की पुनरावृत्ति कर रही है.

यूनुस की नैतिक चुनौती

एक समय लोकतंत्र की उम्मीद माने जा रहे यूनुस अब अपने ही वादों को लेकर अड़चन महसूस कर रहे हैं. उन्होंने वादा किया था कि देश में लोकतंत्र की बहाली होगी, चुनाव की पारदर्शिता और राजनीतिक समन्वय देखने को मिलेगा. हालांकि, मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐसा कुछ भी होता नहीं दिखाई दे रहा है.

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