Why bell ring during worship You shocked to know the real reason ghanti ki awaaz

Bell Sound Effects: पूजा में घंटी क्यों बजाई जाती है? अगर इस पर ध्यान नहीं दिया है तो आज इस पर विचार करें, क्योंकि मंदिर या घर में जब भी पूजा होती है तो ऐसे ही घंटी नहीं बजाई जाती है.

 

इसके पीछे वैज्ञानिक, पारंपरिक और आध्यात्मिक रहस्य भी छिपा हो सकता है. पूजा या मंदिर में बजने वाली घंटी को कभी कमतर मत समझना, क्योंकि पूजा घर में इसकी मौजूदगी रहस्य से भरी है. कैसे आइए जानते हैं.

 

घंटी पूजा की संपूर्ण विधि में एक अहम स्थान रखती है, और ये अभी से नहीं है बल्कि सनातन काल से ही चली आ रही है. जानकार हैरानी होगी कि घंटी के जिक्र से स्कंद पुराण, अग्नि पुराण और तंत्र ग्रंथ भरे पड़े हैं. यही कारण है कि पूजा संबंधी क्रिया में में घंटी को एक अभिन्न अंग माना गया है. इसके पीछे एक बड़ी मान्यता है कि घंटी की आवाज से नकारात्मक एनर्जी दूर होती है.

 

ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार घंटी बजाने से पाप ग्रह केतु का अशुभ प्रभाव कम होता है. केतु भ्रम का कारक है. इसलिए केतु के उपाय के तौर पर कई बार जानकार पूजा घर में घंटी बजाने की सलाह देते हैं. 

 

‘घंटा’ और ‘नाद’ का धार्मिक महत्व

 हिंदू धर्म ग्रंथों में ‘नाद ब्रह्म’ की अवधारणा के तहत ध्वनि को ब्रह्मा के रूप में माना गया है. घंटी की आवाज पूजा की शुरुआत का संकेत देती है और ध्यान केंद्रित करने में सहायक होती है. 

 

वैज्ञानिक क्या कहते हैं, आधुनिक रिसर्च से क्या बात निकल कर आई है?

ध्वनि तरंगें और कंपन को विज्ञान में विशेष महत्व प्राप्त है. विद्वानों का मानना है कि घंटी की आवाज से पैदा होने वाली ध्वनि तरंगें वातावरण को पवित्र बनाती हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार ये 3-7 हर्ट्ज की अल्फा वेव्स पैदा करती हैं जो मस्तिष्क को शांत करने में सहायक होती है. इससे ध्यान लगाने में मदद मिलती है.

 

ध्यान और मेडिटेशन से पहले घंटी की ध्वनि मस्तिष्क को ‘फोकस’ मोड में लाती है. ध्यान क्रिया के विशेषज्ञ ऐसा मानते हैं कि इससे मानसिक तनाव कम होता है और पूजा में मन लगता है.

 

घंटी की ध्वनि और चेतना का क्या संबंध है?

ऐसी मान्यता है कि आंतरिक ऊर्जा का जागरण होने पर ही व्यक्ति स्वयं को जानने की दिशा में अग्रसर होता है. उसे अपनी मौजूदगी का अहसास होता है.

 

यही कारण है कि तांत्रिक साधना में घंटी को ‘चेतना जगाने’ वाला यंत्र माना गया है. माना जाता है कि यह आपकी ‘आंतरिक चेतना’ को ब्रह्म से जोड़ने का यह साधन है. घंटी की ध्वनि से शरीर की सातों चक्र (chakras) पर कंपन का असर होता है, जिससे संतुलन बनता है.

 

पूजा में घंटी बजाना केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. अगली बार जब भी पूजा में घंटी बजाएं, तो उसकी ध्वनि को महसूस करें, शायद यह पवित्र ध्वनि आपको भीतर से भी बदल दे.

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