JPC Chairman PP Chaudhary: ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (वन नेशन, वन इलेक्शन/ONOE) प्रस्ताव पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने सोमवार (19 मई, 2025) को मुंबई में अपना राज्य दौरा पूरा किया. समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने मीडिया को संबोधित करते हुए एक साथ चुनाव कराने के व्यापक लाभों को रेखांकित किया.
चौधरी ने कहा, “लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने से धन और मानव संसाधनों की भारी बचत होगी. अभी चुनावी खर्च को जीडीपी का 1.6% यानी लगभग ₹5,000 करोड़ माना जा रहा है, लेकिन अगर चुनावों के दौरान बैंकों के बंद रहने और आर्थिक अनिश्चितता से होने वाले प्रभावों को भी जोड़ा जाए, तो यह आंकड़ा कहीं अधिक हो सकता है.”
उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों की तैनाती से बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ता है. “मानव संसाधनों की जानकारी तो मौजूद है, लेकिन इससे जुड़े आर्थिक प्रभावों का अभी तक आकलन नहीं हो सका है. एक बार विस्तृत आर्थिक अध्ययन सामने आएगा, तो हम इस पर बेहतर टिप्पणी कर सकेंगे.”
जेपीसी ने मुंबई दौरे पर कई क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से की मुलाकात
जेपीसी ने अपने मुंबई दौरे में बैंकिंग और शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ-साथ विभिन्न राजनीतिक नेताओं से भी मुलाकात की. चौधरी ने बताया कि समिति अन्य राज्यों का भी दौरा करेगी ताकि सभी हितधारकों के विचारों को सुना और समझा जा सके. उन्होंने कहा, “हम जो जानकारी जुटा रहे हैं, वह संसद में अपनी सिफारिश प्रस्तुत करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी. हमारा उद्देश्य सिर्फ खर्च कम करना नहीं है, बल्कि बेहतर प्रशासन और अधिक मतदान सुनिश्चित करना भी है. एक साथ चुनाव लोकतंत्र को मजबूत करेंगे.”
उन्होंने कहा, “जहां फिलहाल लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को साथ कराने पर ज़ोर दिया जा रहा है, वहीं चौधरी ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में स्थानीय निकायों के चुनाव भी एक साथ कराए जा सकते हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव की गोपनीयता और निष्पक्षता सर्वोपरि बनी रहेगी. जेपीसी की यह कवायद देश में चुनावी सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.”
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