Invesco AMC के अधिग्रहण के हिंदुजा के प्लान को लगेगा झटका, SEBI एप्रूवल में कर सकता है देरी – sebi may delay approval of invesco amc by hinduja group after indusind bank accounting mess

इंडसइंड बैंक मामले का असर हिंदुजा ग्रुप के इनवेस्को एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) के अधिग्रहण प्लान पर पड़ सकता है। इस अधिग्रहण में देर हो सकती है। इंडसइंड बैंक में अकाउंटिंग की जांच चल रही है। सूत्रों ने बताया कि सेबी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स (आईआईएचएल) के इनवेस्को एएमसी में 60 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के प्लान को मंजूरी देने में देर कर सकती है। दरअसल, ऐसे एप्रूवल को स्पॉन्सर एप्रूवल कहा जाता है। इस मामले में आईआईएचएल स्पॉन्सर है।

सेबी ने IIHL से कई सवाल किए हैं

इस मामले की जानकारी रखने वाले कई सूत्रों ने बताया कि SEBI ने IIHL से पूछा है कि वह Invesco AMC के अधिग्रहण के लिए पैसे कहां से लाएगी। उसने पूछा है कि क्या वह (IIHL) इसके लिए अपने पैसे का इस्तेमाल करेगी या कर्ज से पैसे जुटाएगी। सेबी ने आईआईएचएल से यह पूछा है कि क्या उसने इस फंडिंग के लिए बैंकों से भी बातचीत की है। अगर बैंकों से लोन के लिए बातचीत हुई है तो क्या उसे बैंकों के पास इनवेस्को के शेयर गिरवी रखने पड़ेंगे।

इंडसइंड बैंक पर भी सेबी की नजर

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सीनियर अफसर ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, “सेबी यह चाहता है कि इनवेस्को की इस डील का हश्र रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण की तरह न हो जाए। तब हिंदुजा इस डील के लिए कर्ज और अपनी इनवेस्टमेंट कंपनियों के शेयरों को गिरवी रखने पर निर्भर थी।” बताया जाता है कि SEBI की नजरें इंडसइंड बैंक की स्थिति पर भी है। इस डील से जुड़े एक बैंकर ने बताया, “इंडसइंड बैंक में चल रही जांच के नतीजों पर सेबी का स्पॉन्सर एप्रूवल काफी ज्यादा निर्भर करेगा।”

पिछले साल हुई थी अधिग्रहण की कोशिश

इस बारे में मनीकंट्रोल की तरफ से भेजे गए ईमेल के जवाब सेबी और हिंदुजा ग्रुप ने नहीं दिए। यह ध्यान में रखने वाली बात है कि IIHL इंडसइंड बैंक का एक बड़ा प्रमोटर शेयरहोल्डर है। इसकी इंडसइंड बैंक में 12.06 फीसदी हिस्सेदारी है। इसमें से 35.5 फीसदी स्टॉक्स गिरवी रखे गए हैं। मार्च 2025 के शेयरहोल्डिंग पैटर्न से यह जानकारी मिली है। पिछले साल अप्रैल में IndusInd Holdings ने इनवेस्को एएमसी की इंडियन इकाई में 60 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने की कोशिश की थी। बाकी 40 फीसदी हिस्सेदारी इनवेस्को के पास रहती। CCI ने अगस्त में इस डील को मंजूरी दे दी थी। सेबी ने भी अगस्त में इन-प्रिंसिपल एप्रूवल दे दिया था।

कमजोर शुरुआत के बाद संभले शेयर

19 मई को IndusInd Bank के शेयरों में शुरुआती कारोबार में कमजोरी दिखी। लेकिन, शेयर बाद में सभलने में कामयाब रहे। 1:43 बजे इंडसइंड बैंक का शेयर 0.75 फीसदी की मजबूती के साथ 785 रुपये पर चल रहा था। लेकिन, यह स्टॉक बीते 6 महीनों में 21 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है।

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