<p style="text-align: justify;">आपको ताजमहल घूमने का मन है या लाल किला और कुतुबमीनार समेत देश में मौजूद कोई भी स्मारक या म्यूजियम देखना चाहते हैं तो आपको टिकट नहीं खरीदना होगा. दरअसल, आज यानी 18 मई पूरी दुनिया में इंटरनेशनल म्यूजियम डे मनाया जा रहा है. ऐसे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI ने ऐलान किया है कि अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर देशभर के सभी ASI स्मारकों और संग्रहालयों में एंट्री फ्री रहेगी. अगर आप आज अपनी फैमिली के साथ घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आपको टिकट खरीदने की जरूरत नहीं है. यह स्कीम सिर्फ संडे यानी 18 मई के लिए है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>एएसआई ने क्यों लिया यह फैसला?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">जानकारी के मुताबिक, संग्रहालयों की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण, शिक्षा को बढ़ावा देने और विभिन्न समुदायों व पीढ़ियों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करने में स्मारकों और म्यूजियम की भूमिका बेहद अहम है. ऐसे में एएसआई ने लाल किला-ताजमहल जैसे स्मारकों के साथ-साथ देश में मौजूद सभी म्यूजियम में एंट्री फ्री कर दी है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ताजमहल में क्या-क्या देख सकते हैं फ्री?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अगर आप ताजमहल देखने का प्लान बना रहे हैं तो आपको एक बात का ध्यान रखना होगा. दरअसल, ताजमहल में पर्यटकों की एंट्री फ्री रहेगी, लेकिन मुख्य मकबरे पर जाने के लिए उन्हें 200 रुपये का टिकट लेना होगा. दरअसल, मुख्य मकबरे पर क्राउड मैनेजमेंट के लिए दिसंबर 2018 में 200 रुपये का एक्स्ट्रा टिकट लगा दिया था. अहम बात यह है कि यह पहली बार है, जब वर्ल्ड इंटरनेशनल डे पर देश के सभी एएसआई संरक्षित स्मारक पर्यटकों के लिए बिल्कुल फ्री रहेंगे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कितने म्यूजियम में एंट्री रहेगी फ्री?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">जनसाधारण की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ASI ने देश में मौजूद अपने सभी 52 साइट म्यूजियम और सभी टिकट वाले स्मारकों में एंट्री फ्री कर दी है. इन संग्रहालयों में भारत की अमूल्य पुरातात्विक धरोहर जैसे प्रागैतिहासिक उपकरणों, मूर्तियों, मध्यकालीन शिलालेखों आदि का संग्रह है. इस पहल का उद्देश्य जनता को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़ना और इतिहास के साथ एक गहरा संबंध स्थापित करना है.</p>
<p style="text-align: justify;">ASI के पास एक समर्पित संग्रहालय प्रकोष्ठ भी है, जो देशभर के 52 साइट संग्रहालयों के रख-रखाव और प्रबंधन का कार्य करता है. इनमें सारनाथ (1910) पहला पुरातात्विक साइट संग्रहालय था. देशभर में फैले 3,698 संरक्षित स्मारकों-स्थलों और 52 संग्रहालयों के साथ ASI की 26 साइट्स यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं. देश भर में बड़ी संख्या में लोग घूमने निकलते हैं और बहुत बड़ी संख्या में लोग हर रोज संग्रहालय और स्मारकों में पहुंचते हैं. भारत में धरोहर को संजो के रखने की जिम्मेदारी एएसआई की होती है.</p>
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