ट्रंप के जीरो टैरिफ का ऐलान करते ही शेयरों में आई तेजी, जानिए क्या है इसकी वजह – donald trump zero tariff announcement provides fuel to indian stock markets know its reason

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस ऐलान के बाद शेयरों में तेजी दिखी कि इंडिया जीरो टैरिफ के साथ अमेरिका से ट्रेड डील करने को तैयार है। उन्होंने यहां तक कहा कि इंडियन अथॉरिटीज ने अमेरिकी गुड्स पर इंपोर्ट टैक्स हटाने के संकेत दिए हैं। इससे मार्केट में यह संकेत गया कि अमेरिका और इंडिया के बीच टैरिफ के मसले का समाधान हो गया है। इससे निफ्टी में 1.60 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली। लेकिन, मार्केट बंद होने के बाद ट्रंप ने डील के बारे में ऐलान करने में जल्दबाजी की है।

अभी अमेरिका से चल रही बातचीत

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ कर दिया कि टैरिफ को लेकर दोनों देशों के बीच अभी बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा, “डील ऐसी होनी चाहिए, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो। किसी भी डील से हमारी यह उम्मीद होती है। जब तक ऐसा नहीं हो जाता, कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।” डील पर अंतिम फैसले से पहले मार्केट का रिएक्शन हैरान करने वाला है। इस बात को समझना मुश्किल नहीं है कि अमेरिकी गुड्स पर टैरिफ खत्म कर देने से इंडियन कंपनियों को नुकसान होगा।

अमेरिका ट्रेड डेफिसिट को लेकर चिंतित

इंडिया और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर गतिरोध की सबसे बड़ी वजह यह है कि अमेरिका को लगता है कि दोनों देशों के बीच व्यापार में पलड़ा भारत के पक्ष में झुका हुआ है। अमेरिका भारत के साथ बढ़ते व्यापार घाटे पर कई बार चिंता जता चुका है। 2024 में यह व्यापार घटा 45.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया। दोनों देश इस व्यापार घाटे को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों की कोशिश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक ले जाने की भी है। अभी दोनों के बीच 191 अरब डॉलर का व्यापार है।

जीरो टैरिफ से इंडिया को फायदा

व्यापार का पलड़ा भारत के पक्ष में झुके होने के चलते जीरो टैरिफ रीजीम से भारत को फायदा हो सकता है। इंडिया अमेरिका से मिनरल, फ्यूल और ऑयल इंपोर्ट करता है। इसके अलावा यह कीमती धातु, मेडिकल इक्विपमेंट, न्यूक्लियर रिएक्टर्स और एयरक्राफ्ट्स का भी इंपोर्ट करता है। अगर इन आइटम्स पर टैरिफ घटाकर जीरो कर दिया जाता है तो इसका इंडिया की डोमेस्टिक इंडस्ट्रीज पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।

इंडिया इन प्रोडक्ट्स पर रियायत चाहता है

अमेरिका कई सेक्टर्स के प्रोडक्ट्स पर ड्यूटी में कमी चाहता है। इनमें इंडस्ट्रियल गुड्स, ऑटोमोबाइल्स, वाइन, पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स, डेयरी और एग्रीकल्चरल आइटम्स शामिल हैं। अगर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बात की जाए तो इसका बाजार अभी इंडिया में शुरुआती अवस्था में है। इससे इनके इंपोर्ट्स से इंडियन मैन्युफैक्चर्स पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। इंडिया का जोर ज्यादा श्रम वाले सेक्टर में रियायत हासिल करने पर है। इनमें टेक्सटाइल्स, केमिकल्स, प्लास्टिक्स, ऑयल सीड्स, श्रिम्प्स आदि शामिल हैं। अगर इन उत्पादों पर अमेरिका टैरिफ जीरो कर देता है तो चीन के मुकाबले इंडिया की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ेगी।

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