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Amitabh Bachchan Post: बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन ने पहलगाम आतंकी हमले पर कोई रिएक्शन नहीं दिया था जिसके बाद से वो बुरी तरह से ट्रोल हो रहे थे. अब उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की है. अमिताभ बच्चन ने भारतीय सेना और प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ भी की है. सोशल मीडिया पर बिग बी ने अब एक कविता शेयर की है. ये कविता उनके पिताजी हरिवंश राय बच्चन ने 1965 में हुए युद्ध के दौरान लिखी थी. ये कविता उस समय में बहुत फेमस हुई थी. इस कविता को लिखने के साथ अमिताभ बच्चन ने तुलसीदास रामचरित मानस की एक लाइन भी लिखी है.

अमिताभ बच्चन का ये पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. उन्होंने वीरता और शत्रु दोनों के बारे में इस पोस्ट में लिखा है. इस पोस्ट पर उनके कई फैंस कमेंट भी कर रहे हैं.

अमिताभ बच्चन ने ये किया पोस्ट
अमिताभ बच्चन ने पहले कविता शेयर की. जिसके साथ लिखा- जय हिंद. बाबूजी की एक कविता की कुछ पंक्तियाँ. उसके बाद उन्होंने लिखा- नीचे शेयर की हुई कविता का मतलब ये है. सूर समर करनी करहिं, कहि न जनावहिं आप” पंक्ति का अर्थ है कि शूरवीर अपने पराक्रम को युद्ध में करके दिखाते हैं, वे अपनी वीरता का प्रदर्शन करने के लिए बातें नहीं बनाते. यह पंक्ति तुलसीदास जी के रामचरितमानस के लक्ष्मण-परशुराम संवाद से ही  ली गई है – कि शूरवीर अपनी वीरता को युद्ध में करके दिखाते हैं, वे अपने मुंह से अपनी प्रशंसा नहीं करते. कायर लोग ही युद्ध में शत्रु को सामने देखकर अपनी वीरता की डींगें हांका करते हैं.

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