Market This Week : 9 मई को खत्म हुए वोलेटाइल सप्ताह में बेंचमार्क इंडेक्सों की तरह ही ब्रॉडर मार्केट में भी एक फीसदी से अधिक की गिरावट आई। भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़त तनाव के बीच तीन सप्ताह से जारी बढ़त का सिलसिला टूट गया। बीएसई मिड और लार्जकैप इंडेक्सों में 1.4-1.5 फीसदी की गिरावट आई,जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में इस सप्ताह 1.3 फीसदी की गिरावट आई। इस सप्ताह सेंसेक्स 1,047.52 अंक या 1.3 फीसदी गिरकर 79,454.47 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 338.7 अंक या 1.4 फीसदी गिरकर 24,008 पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) लगातार चौथे सप्ताह नेट बॉयर बने रहे, उन्होंने 5,087.42 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने सप्ताह के दौरान 10,450.96 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर खरीदे।
सेक्टोरल इंडेक्सों की बात करें तो निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में 6.5 फीसदी, निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में 4.4 फीसदी, तथा निफ्टी बैंक, फार्मा, एनर्जी, ऑयल एंड गैस में इस सप्ताह 2 फीसदी से अधिक की गिरावट आई। दूसरी ओर, निफ्टी ऑटो और मीडिया में एक फीसदी से अधिक की बढ़त रही।
बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 1.3 फीसदी की गिरावट आई, जिसमें केसोल्व्स इंडिया, जेनसोल इंजीनियरिंग, केआर रेल इंजीनियरिंग, जिंदल सॉ, सेंचुरी एनका, एनएसीएल इंडस्ट्रीज में 15-27 फीसदी की गिरावट आई। जबकि टाइमक्स ग्रुप इंडिया, केपीआर मिल, फेज थ्री, ट्रांसपेक इंडस्ट्री, आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी, आर आर केबल, सीसीएल प्रोडक्ट्स इंडिया, एस पी अपैरल्स में 20-36 फीसदी की बढ़त हुई।
आगे कैसी रह सकती है बाजार की चाल
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के नागराज शेट्टी का कहना है कि पिछले चार हफ्तों की लगातार तेजी के बाद इस हफ्ते वीकली चार्ट पर निफ्टी ने एक बियरिश एनगल्फिंग प्रकार का कैंडल पैटर्न (कोई पारंपरिक पैटर्न नहीं) बनाया है। यह एक निगेटेव संकेत है और लॉन्ग टर्म चार्ट के मुताबिक नीचे की ओर एक बड़ा रिवर्सल पैटर्न बनता दिख रहा है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बना तनाव भी बाजार पर भारी पड़ रहा है। यहां से आगे की कमजोरी में निफ्टी को 23800-23600 के स्तर (वीकली 10/20 पीरियण ईएमए और चेंज इन पोलैरिटी के मुताबित सपोर्ट) के आसपास मजबूत क्लस्टर सपोर्ट मिल सकता। यहां से निफ्टी में फिर से ऊपर की ओर उछाल आने की संभावना है। वहीं, तत्काल रेजिस्टेंस 24200 पर दिख रहा है।
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एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे का कहना है कि भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच निफ्टी ट्रेडर्स जोखिम से बचते दिखे। इसके चलते इंडेक्स अपने हाल के कंसोलीडेशन जोन से नीचे आ गया था। लेकिन निफ्टी 24,000 से ऊपर टिके रहने में सफल रहा क्योंकि इसको 21-डे एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (ईएमए) के आसपास सपोर्ट मिला।
शॉर्ट टर्म में,मंदड़िये बढ़त हासिल करने के लिए इंडेक्स को निर्णायक रूप से 24,000 से नीचे धकेलने की कोशिश कर सकते हैं। 23,900 से नीचे की गिरावट से बाजार में मंदी की संभावना बढ़ सकती है। ऊपर की ओर निफ्टी के लिए 24,250 तत्काल रेजिस्टेंस के रूप में कार्य कर सकता है। इसके ऊपर जाने पर सेंटीमेंट में सुधार आ सकता है।
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