आइडियाफोर्ज टेकनोलॉजी के शेयरों में 9 मई को 20 फीसदी उछाल आया। सिर्फ एक महीने में यह स्टॉक 42 फीसदी चढ़ा है। इसकी वजह पाकिस्तान से बढ़ता टकराव है। यह कंपनी ड्रोन बनाती है। कंपनी ने कहा है कि उसके ड्रोन कश्मीर वैली में तैनात किए जा चुके हैं। अगर ड्रोन की मांग बढ़ती है तो कंपनी उत्पादन बढ़ाने के लिए तैयार है। कंपनी के फाउंडर अंकित मेहता ने इस बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी इंडियन आर्मी को इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉनसंस (आईएसआर) की सप्लाई करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है।
जरूरत के हिसाब से कंपनी उत्पादन बढ़ाने को तैयार
मेहता ने कहा कि उनके सिस्टम का इस्तेमाल सर्च और रेस्क्यू, काउंटरइनसर्जेंसी और काउंटर-टेररिज्म ऑपरेशंस के लिए हो रहा है। पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच भी उनके सिस्टम का इस्तेमाल हो रहा है। अभी इंडियन आर्मी इंडिया और विदेश में बने ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। इनमें आइडिआफोर्ज के ड्रोन भी शामिल हैं। कंपनी ने 2022 में इंडियन आर्मी से बड़े ऑर्डर मिलने का ऐलान किया था। बाद में कंपनी ने यह भी कहा था कि उसने सशस्त्र बलों को 2 करोड़ डॉलर के SWITCH 1.0 UAV की डिलीवरी कर दी।
इंडियन आर्मी ने कई देशी और विदेशी कंपनियों से ड्रोन खरीदा है
उन्होंने बताया कि सरकार ने ISR और अटैक ड्रोन कई कंपनियों से खरीदा है। इनमें विदेशी और देशी तरह की कंपनियां शामिल हैं। कंपनी कुछ प्रोडक्ट्स का उत्पादन विदेशी पार्टनर्स के साथ मिलकर करती है, जबकि कुछ का उत्पादन पूरी तरह से देश में होता है। यह कंपनी जुलाई 2023 में स्टॉक मार्केट्स में लिस्ट हुई थी। हालांकि, कंपनी की शुरुआत 18 साल पहले हुई थी। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान के साथ टकराव बढ़ने पर उत्पादन बढ़ाने की जरूरत पड़ती है तो कंपनी इसके लिए तैयार है।
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SWITCH MINI UAV जांच में एप्रूव होने के बाद सेना का हिस्सा बनी है
फिलहाल दो तरह के ड्रोन की जरूरत है। पहला, ऐसे ड्रोन की जरूरत है जो टारगेट के फैसलों में मदद कर सकें। दूसरा, ऐसे ड्रोन चाहिए जिनका इस्तेमाल सीधे हमलों के लिए किया जा सके। ऐसे प्रोडक्ट्स का इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के अनुकूल होना चाहिए। 2025 में कंपनी ने कहा था कि उसके SWITCH MINI UAV को ‘फिट फॉर इंडियन मिलिट्री यूज’ का सर्टिफिकेशन डायरेक्टर जनरल ऑफ क्वालिटी एश्योरेंस से मिल चुका है। DGQA पहले मिलिट्री हार्डवेयर की जांच करता है। जांच में सही पाए जाने के बाद ही भारतीय सशस्त्र बल उसका इस्तेमाल करते हैं।
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