PM Narendra Modi Kundli: नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 में हुआ था. इनके जन्म के समय चन्द्रमा और मंगल दोनों ही कुण्डली के पहले घर में वृश्चिक राशि में बैठे हैं. जबकि ग्यारहवें घर में सूर्य बुध, एवं केतु साथ बैठा है. गुरु चौथे घर में शुक्र और शनि के आमने-सामने बैठे हैं.
मंगल इनका लग्न स्वामी है और अपने ही घर में बैठा है जिससे मोदी आत्मबल और साहस से अपने विरोधियों को मात देते हुए आगे बढ़ते जाएंगे. मंगल की इसी स्थिति के कारण मोदी अपने विरोधियों को कभी माफ नहीं कर पाते. मौका मिलने पर विरोधियों से बदला जरूर लेते हैं.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी का जन्म 17 सितंबर 1950 को दोपहर अभिजीत मुहूर्त में 12:09 मिनट पर गुजरात के वडनगर में हुआ था. वहीं लग्न कुंडली के अनुसार मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न की है और इनकी कुंडली के स्वामी मंगल देव है.
मोदी जी की लग्न व जन्म राशि वृश्चिक ही है. जो एक अच्छा संयोग है. वहीं जन्मकुंडली में लग्नेश मंगल नवमेश चंद्रमा के साथ विराजमान हैं. इसलिए जैसे ही पीएम मोदी की कुंडली में चंद्रमा की दशा शुरू हुई. उसके बाद ही वह राजनीति में चमकने लगे. साथ ही उनका वर्चस्व पार्टी में बढ़ने लगा.
चंद्रमा और मंगल का राजयोग उनको पिछले दो दशकों से पहले गुजरात और अब केंद्र की राजनीति में बड़ी सफलताएं देता आ रहा है. नरेंद्र मोदी की कुंडली में चंद्रमा से केंद्र में गुरु के होने से गजकेसरी योग तथा पंचम भाव में बैठे राहु पर दशमेश सूर्य की दृष्टि से बन रहा राजयोग भी बड़ी सफलता दिलाने का योग है.
ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि लग्न व राशि के स्वामी मंगल इनके लिए रूचक महायोग तो बना ही रहे हैं साथ ही चंद्र-मंगल योग के साथ शत्रुहंता योग भी बना रहा है. इसके चलते मोदीजी के विरोधी व शत्रु इनका कभी बाल भी बांका नहीं कर पाएंगे. रूचक महायोग के कारण व्यक्ति के अंदर निर्णय लेने की क्षमता प्रबल होती है जिसका असर प्रधानमंत्री के लिए गए निर्णयों में देखा जा सकता है.
चंद्र-मंगल योग से व्यक्ति देखने में साधारण दिखाई देता है लेकिन अपनी दिनचर्या के कामों में वह काफी फुर्तिला होता है, जो कि प्रधानमंत्री मोदी जी के दैनिक कार्यों में हमें देखने को मिलता है. साथ ही यह योग व्यक्ति को अनुशासन प्रिय बनाता है. पीएम नरेंद्र मोदी जी की कुंडली में गजकेसरी योग भी विद्यमान है जिसके कारण उनका व्यक्तित्व सिंह के समान दिखाई देता है.
दुश्मन कभी भी इनसे नहीं पाएंगे जीत
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली में मंगल व चंद्रमा लग्न में विराजमान हैं, जहां मंगल देव रोचक नाम का पंच महापुरुष योग बनाकर विराजमान हैं. साथ ही चंद्रमा के साथ नीच भंग राजयोग भी बनाते हैं.
वहीं पीएम मोदी की जन्मकुंडली में एकादश स्थान में सूर्य व बुध की युति है. जिससे बुधादित्य राजयोग का निर्माण हुआ है. इसलिए पीएम मोदी हमेशा एक लोक्रप्रिय नेता रहेंगे. साथ ही वह हमेशा मान- सम्मान को प्राप्त करेंगे. वहीं कुंडली में मंगल देव छठे व पहले घर के स्वामी है और वह लग्न में बैठे हैं इसलिए दुश्मन कभी भी इनसे जीत नहीं पाएंगे.
जरूर लेते हैं बदला
ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि मंगल इनका लग्न स्वामी है और अपने ही घर में बैठा है जिससे मोदी आत्मबल और साहस से अपने विरोधियों को मात देते हुए आगे बढ़ते जाएंगे. मंगल की इसी स्थिति के कारण मोदी अपने विरोधियों को कभी माफ नहीं कर पाते. मौका मिलने पर विरोधियों से बदला जरूर लेते हैं.
देश हित में बड़े फैसले
डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि वहीं अप्रैल 2025 से जून 2026 तक पीएम मोदी (PM Modi) देश हित में बड़े फैसले ले सकते हैं. जून 2025 से जून 2027 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सेहत में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
वर्तमान में मोदी की कुंडली (PM Narendra Modi Kundali) में मंगल की महादशा चल रही है. जो 29 नवंबर 2021 आरंभ होकर 29 नवंबर 2021 तक चलेगी. इस कारण उनकी और भारत की ताकत और सम्मान पूरी दुनिया में और ज्यादा बढ़ाने वाला है गुरु की अंतर्दशा होने से दुनिया के सभी नेता मोदी को अपना नेता मानेंगे और दशम भाव में शुक्र के होने से चुनौतियां तो बहुत मिलेगी लेकिन गुरु के कारण उन सब से मोदी मुकाबला कर लेंगे और विजयी होंगे.
डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि पंचम भाव मीन राशि में राहु बैठा है. इसी के कारण मोदी को संतान सुख नहीं मिला. गुरु के प्रभाव के कारण मोदी का विवाह तो हुआ किंतु सप्तमेश के शत्रुक्षेत्री होने व शनि के साथ युति कारक होने से उन्हें दांपत्य सुख प्राप्त नहीं हुआ. पंचमेश गुरु के अपने ही भाव पंचम से द्वादश चतुर्थ में स्थित होने एवं पंचम भाव में राहु के स्थित होने से उन्हें संतान सुख का अभाव रहा.
जन-लोकप्रिय नेता
कुण्डली विश्लेषक डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि दशम भाव सिंह राशि में शुक और शनि की युति है जिसकी दृष्टि चतुर्थ भाव पर है. शुक्र शनि की युति अगर दशम भाव में होती है तो ऐसे लोगों के बारे में कहा जाता है कि उनकी जीवनशैली राजाओं के समान होती है. जनता का कारक होकर चतुर्थेश शनि दशम भाव में स्थित है एवं शनि की पूर्ण दृष्टि अपने ही भाव पर है.
चतुर्थेश की चतुर्थ भाव पर दृष्टि उन्हें जन-लोकप्रिय नेता बना रही है. एकादश भाव कन्या राशि में केतु, सूर्य और बुध की युति है. सुख और संपत्ति के भाव एकादश में सूर्य बुध की युति से बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है.
भविष्यवक्ता डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि मोदी की कुंडली में चन्द्र नीच राशिस्थ होकर मंगल के साथ युति कारक होने एवं चन्द्र की उच्च राशि के स्वामी शुक्र के चन्द्र से दशमस्थ होने से उनकी जन्म पत्रिका में ‘नीचभंग राजयोग’ बन रहा है.
इसके साथ ही ‘महालक्ष्मी योग’ का भी सूजन हुआ है. मोदी की कुंडली में कार्यक्षेत्र का अधिपति सूर्य लाभ भाव में अपने मित्र बुध के साथ स्थित होकर ‘बुधादित्य’ नामक राजयोग बना रहा है. मोदी की कुंडली में सप्तमेश शुक्र शत्रुक्षेत्री होकर रानि के साथ युति कारक है एवं इस युति पर गुरु की पूर्ण दृष्टि है.
शुभ योग
ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहों की इस स्थिति के कारण मोदी की कुण्डली में कई शुभ योग बने हुए हैं. जैसे गजकेसरी योग, मूसल योग, केदार योग, रूचक योग, वोशि योग, भेरी योग, चंद्र मंगल योग, नीच भंग योग, अमर योग, कालह योग, शंख योग तथा वरिष्ठ योग.
नीच राजभंग योग
ज्योतिषशास्त्र में ऐसा कहा जाता है कि जिस व्यक्ति के कुंडली में नीच राजभंग योग हो, वो बेहद प्रभावशाली होता है. प्रायः ऐसे व्यक्ति का जितना विरोध होता है, वो व्यक्ति उतना शिखर तक जाता है.नरेंद्र मोदी के साथ भी बिल्कुल ऐसा ही है.
विश्व में और अधिक बढ़ेगी मोदी की साख
ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास ने 14 सितंबर 2020 ज्योतिष आंकलन के तहत बताया था कि नरेंद्र मोदी जी आने वाले सात-आठ वर्षों के लिए हमारे प्रधानमंत्री होंगे और ईश्वर से प्रार्थना है कि उनका स्वास्थ्य इसकी अनुमति देगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साख विश्व में और अधिक बढ़ेगी. विश्व में कोई एक बड़ा देश स्वयं की गलती से बुरे वक्त से गुजरेगा.
आने वाले समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय की सभी जगह सराहना होगी और विश्व में निर्णायक भूमिका निभाएंगे. विश्व स्तर पर देश मजबूत बनेगा. भारत की विदेशी राजनीति पूरी तरह सफल रहेगी. भारत के पड़ोसी देशों में राजनीतिक उपद्रव भी हो सकते हैं. सेना में नए हथियार और विमान शामिल होने की संभावना है. देश की सुरक्षा नीति और मजबूत होगी.
सैनिकों के लिए फायदेमंद सरकारी नीतियां बनेंगी. राहु और शनि की स्थिति के कारण सीमाओं पर तनाव तो बढ़ेगा, लेकिन देश की सेनाएं मजबूत रहेंगी. पड़ोसी देशों पर भारत का प्रभाव बढ़ेगा. आर्थिक मामलों में भी देश विश्व स्तर पर मजबूत रहेगा.
नरेंद्र मोदी की शिव भक्ति
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अगर बात आतंकवादी घटनाओं की करी जाये तो कोई आतंकवादी या देश विरोधी ताकत उनका कुछ भी नहीं बिगाड़ पायेगी.
बल्कि कुम्भ राशि के शनि शत्रुहंता योग बना रहे हैं और उनकी लोकप्रियता को और भी बढ़ा देंगे. साथ ही लग्नेश मंगल की महादशा उनको विश्व का नेता बनायेगी. मोदीजी की शिव भक्ति भी उनकी विजय श्री में अहम भूमिका निभाती है क्योंकि शनि ही शिव तत्व हैं. नरेंद्र मोदी की शिव भक्ति पूरा विश्व जानता है. भगवान शिव का अमोघ आशीर्वाद श्री नरेन्द्र मोदी जी को भारत का भाग्य विधाता बनाएगा.
Read More at www.abplive.com