Market news : मिड और स्मॉलकैप शेयरों का मिलाजुला प्रदर्शन दूसरे हफ्ते में भी जारी रहा। 2 मई को खत्म हुए वोलेटाइल हफ्ते में मिड और स्मॉल कैप इंडेक्सों ने सेंसेक्स और निफ्टी से कमजोर प्रदर्शन किया। इस हफ्ते बीएसई मिडकैप इंडेक्स हल्की बढ़त के साथ बंद हुआ। वहीं, लार्ज कैप इंडेक्स में 1 फीसदी की तेजी देखने को मिली। जबकि बीएसई स्मॉल कैप इंडेक्स 1.3 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। इस सप्ताह के दौरान बीएसई सेंसेक्स 1,289.46 अंक या 1.62 फीसदी बढ़कर 80,501.99 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 307.35 अंक या 1.2 फीसदी बढ़कर 24,346.70 पर बंद हुआ।
अप्रैल महीने में सेंसेक्स-निफ्टी में 3.5 फीसदी की बढ़त हुई है। सेक्टोरल इंडेक्सों पर नजर डालें तो निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स में 4.3 फीसदी की बढ़त हुई,निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में 2.5 फीसदी की तेजी देखने को मिली। निफ्टी ऑटो, आईटी और हेल्थकेयर इंडेक्स में 1-1 फीसदी की बढ़त हुई। हालांकि,निफ्टी मीडिया इंडेक्स में 1.7 फीसदी और निफ्टी मेटल इंडेक्स में 0.6 फीसदी की गिरावट आई।
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने लगातार तीसरे सप्ताह अपनी खरीदारी जारी रखते हुए 7,680.09 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी खरीदी, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भी 9,269.47 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी खरीदी।
बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.3 फीसदी की गिरावट आई, जिसमें लॉयड्स इंजीनियरिंग वर्क्स, जेनसोल इंजीनियरिंग, टैनफैक इंडस्ट्रीज, राजू इंजीनियर्स, तेजस नेटवर्क्स, स्टर्लिंग एंड विल्सन रिन्यूएबल एनर्जी, केआर रेल इंजीनियरिंग, आईएसजीईसी हैवी इंजीनियरिंग, स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज, गोदरेज एग्रोवेट, रिप्रो इंडिया, फाइव-स्टार बिजनेस फाइनेंस, एसएमएल इसुजु में 12-25 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।
हालांकि, पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज, सोनाटा सॉफ्टवेयर, स्पोर्टकिंग इंडिया, बारबेक्यू नेशन हॉस्पिटैलिटी, क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेज, प्राइम फोकस, गो फैशन इंडिया, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, जायसवाल नेको इंडस्ट्रीज में 15-29 फीसदी की तेजी रही।
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आगे कैसी रह सकती है निफ्टी की चाल
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि बढ़ते जियो-पोलिटिकल तनाव के बीच निकट भविष्य में घरेलू बाजारों में सतर्कता बनी रहने की उम्मीद है। हालांकि किसी तेज गिरावट की उम्मीद नहीं है। ग्लोबल स्तर पर,अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड टेंशन में कमी,साथ ही कमजोर अमेरिकी डॉलर से भारत जैसे उभरते बाजारों को मध्यम अवधि में सपोर्ट मिलेगा। हालांकि,पहली तिमाही में यूएस जीडीपी ग्रोथ में हाल ही में आई गिरावट से अनिश्चितता बढ़ सकती है। अगले सप्ताह की FOMC बैठक के दौरान ब्याज दरों और महंगाई पर फेडरल रिजर्व चेयरमैन की टिप्पणियों पर बाजार की बारीकी से नज़र रहेगी। इनका बाजार की दिशा तय करने में अहम योगदान होगा।
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