विदेशी निवेशकों ने लगातार बारहवें सत्र तक जारी रखी खरीदारी, घरेलू निवेशकों ने 3,290 करोड़ रुपये का किया निवेश – foreign investors continued buying for the twelfth consecutive session domestic investors invested rs 3290 crore

विदेशी निवेशकों ने मई की शुरुआत मज़बूती के साथ की। शुक्रवार को 2,769 करोड़ रुपये की नई इक्विटी खरीद के साथ उन्होंने लगातार बारहवें सत्र में खरीदारी जारी रखी। 2025 की पहली तिमाही में एफआईआई ने 1.29 लाख करोड़ रुपये के भारतीय शेयरों को बेच दिया था, इस भारी बिकवाली के बाद अब स्थिति बदलने लगी है। अप्रैल में सेंटीमेंट्स में बदलाव देखा गया। इसमें विदेशी फंडों ने 3,243 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदारों के रूप में वापसी की है। प्रोविजनल आंकड़ों से यह भी पता चला कि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 2 मई को 3,290 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी के साथ गति को बढ़ाया है।

2 मई के कारोबारी सत्र के दौरान, एफआईआई ने 18,130 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 15,360 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। डीआईआई ने 13,906 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 10,615 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

इस साल अब तक, एफआईआई 1.34 लाख करोड़ रुपये के शेयरों के शुद्ध विक्रेता रहे हैं, जबकि डीआईआई ने 2.10 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं।

भारतीय शेयर बाजार ने लगातार तीसरे सप्ताह अपनी बढ़त का सिलसिला जारी रखा। ये सिलसिला दिसंबर 2024 के बाद से वीकली बढ़त का सबसे लंबा दौर है। बेंचमार्क इंडेक्सेस – सेंसेक्स, निफ्टी और निफ्टी बैंक – प्रत्येक हफ्ते में लगभग 1 प्रतिशत बढ़े हैं। इन्हें तेल और गैस और बैंकिंग शेयरों के मजबूत प्रदर्शन का सहारा मिला।

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विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने पिछले 11 कारोबारी सत्रों में भारतीय नकदी बाजार में लगातार खरीदारी की है और 37,375 करोड़ रुपये का निवेश किया है। उनकी रणनीति में इस तेज बदलाव के लिए दो मुख्य कारक जिम्मेदार हैं। सबसे पहले, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (U.S. President Donald Trump) द्वारा पारस्परिक शुल्कों में 90 दिनों के ठहराव की घोषणा ने वैश्विक इक्विटी बाजारों में रिकवरी को बढ़ावा दिया, जिसमें भारत ने अपनी मजबूत ग्रोथ संभावनाओं के कारण बेहतर प्रदर्शन किया। दूसरा, अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में उल्लेखनीय गिरावट – जनवरी की शुरुआत में 111 से 99 तक की गिरावट ने अमेरिका के पक्ष में पहले के मोमेंटम ट्रेड को उलट दिया। इससे उभरते बाजार, विशेष रूप से भारत के बाजार, वैश्विक निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बन गए।

शुक्रवार को इंडेक्सेस में मिलाजुला रुख रहा। इसमें मिडकैप ने बड़े इंडेक्सेस से कमतर प्रदर्शन किया। सेंसेक्स 260 अंक बढ़कर 80,502 पर बंद हुआ। निफ्टी 13 अंक बढ़कर 24,347 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक इंडेक्स 28 अंक बढ़कर 55,115 पर पहुंच गया। लेकिन निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 420 अंक या 1 प्रतिशत गिरकर 53,705 पर आ गया। पूरे सत्र के दौरान मिडकैप में कमजोरी स्पष्ट रही। इससे बाजार में बढ़त-गिरावट का अनुपात समान नजर आया।

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)

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