Vat Savitri Vrat 2025: हिंदू धर्म में पीपल, तुलसी के अलावा वट वृक्ष को बेहद पूजनीय माना जाता है. वट वृक्ष की पूजा करने वाली स्त्रियों को पति की लंबी उम्र का वरदान मिलता है, ऐसी मान्यता है.
यही वजह है कि हर साल ज्येष्ठ पूर्णिमा और अमावस्या पर वट सावित्री व्रत किया जाता है और इसमें बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. वट वृक्ष को हिंदू धर्म के तीन प्रमुख देवताओं ब्रह्मा, विष्णु और शिव का प्रतीक माना जाता है. आइए जानते हैं इस साल वट सावित्री व्रत 2025 में कब किया जाएगा.
वट सावित्री व्रत 2025 डेट
वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ अमावस्या पर 26 मई 2025 को किया जाएगा. वहीं वट पूर्णिमा व्रत 10 जून 2025 को है. इस व्रत के करने से अखंड सौभाग्य और संतान सुख भी मिलता है
वट सावित्री व्रत 2025 मुहूर्त
अमावस्या – 26 मई 2025
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – मई 26, 2025 को दोपहर 12:11 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – मई 27, 2025 को सुबह 08:31 बजे
पूजा मुहूर्त – सुबह 8.52 – सुबह 10.35
पूर्णिमा – 10 जून 2025
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – जून 10, 2025 को सुबह 11:35 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – जून 11, 2025 को दोपहर 1:13 बजे
पूजा मुहूर्त – सुबह 8.52 – दोपहर 2.05
वट सावित्री व्रत क्यों किया जाता है ?
धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के पालन से विवाहित महिलाएं अपने पतियों के लिए सौभाग्य और शुभफल ला सकती हैं, जैसे पुण्यात्मा और निष्ठावान सावित्री अपने पति को मृत्यु के मुख से वापस ले आईं थी. वट वृक्ष दीर्घायु होता है, और यही कारण है कि विवाहित महिलाएx इस पेड़ की पूजा करती हैं.धार्मिक मान्यता अनुसार विवाहित महिलाएँ वट सावित्री व्रत तीन दिनों तक करती हैं, जिसकी शुरुआत ज्येष्ठ माह में अमावस्या या पूर्णिमा से दो दिन पहले होती है.
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