‘कंगाल’ पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान की गीदड़भभकी, कहा- भारतीय दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं

‘कंगाल’ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल के अंदर जिंदगी बिता रहे हैं, फिर भी भारत को गीदड़भभकी दे रहे हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता ने एक पोस्ट लिखकर पहलगाम आतंकी हमले पर चिंता जताई। पाकिस्तान की वर्तमान सरकार को लताड़ लगाई और प्रधानमंत्री मोदी को धमकी के साथ-साथ सलाह तक दे डाली।

इमरान खान ने पहलगाम आतंकी हमले को ‘चिंताजनक और दुखद’ बताया। साथ ही कहा कि पाकिस्तान की ‘अवैध सरकार’ से कार्रवाई की उम्मीद करना ‘नासमझी’ हैं। वहीं प्रधानमंत्री मोदी को सलाह दी कि वे पाकिस्तान पर दोष मढ़ने की बजाय आत्मनिरीक्षण और जांच करें। शांति प्राथमिकता है, लेकिन इसे कायरता समझने की गलती न करें।

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कहा- भारत को जिम्मेदारी से काम करने की जरूरत

इमरान खान ने लिखा कि पहलगाम की घटना में लोगों की जान जाना बेहद परेशान करने वाला और दुखद है। मैं पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ। जब फाल्स फ्लैग पलवामा ऑपरेशन की घटना हुई थी, तब हमने भारत को हरसंभव सहयोग देने की पेशकश की थी, लेकिन भारत कोई ठोस सबूत पेश करने में विफल रहा। जैसा कि मैंने 2019 में भविष्यवाणी की थी, पहलगाम की घटना के बाद फिर से वही हो रहा है।

आत्मनिरीक्षण और जांच के बजाय, मोदी सरकार फिर से पाकिस्तान पर दोष मढ़ रही है। 1.5 बिलियन लोगों का देश होने के नाते, भारत को पहले से ही परमाणु फ्लैशपॉइंट के रूप में जाने जाने वाले क्षेत्र के साथ खिलवाड़ करने के बजाय जिम्मेदारी से काम करने की जरूरत है। शांति हमारी प्राथमिकता है, लेकिन इसे कायरता नहीं समझा जाना चाहिए। पाकिस्तान के पास किसी भी भारतीय दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने की सभी क्षमताएं हैं, जैसा कि मेरी सरकार ने पूरे देश के समर्थन से 2019 में किया था।

शहबाज शरीफ की सरकार को कोसा

मैंने हमेशा कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार के महत्व पर जोर दिया है, जिसकी गारंटी संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों द्वारा दी गई है। मैं इस तथ्य को भी उजागर करता रहा हूं कि आरएसएस की विचारधारा के नेतृत्व वाला भारत न केवल इस क्षेत्र के लिए बल्कि इससे परे भी एक गंभीर खतरा है। अनुच्छेद 370 के अवैध निरस्तीकरण के बाद कश्मीर में भारतीय उत्पीड़न तेज हो गया है, जिसने कश्मीरी लोगों की आजादी की इच्छा को और बढ़ा दिया है।

दुख की बात है कि फर्जी फॉर्म-47 परिणामों के माध्यम से थोपी गई एक नाजायज सरकार ने देश को विभाजित कर दिया है। और फिर भी, विडंबना यह है कि नरेंद्र मोदी की आक्रामकता ने पाकिस्तान के लोगों को भारतीय शत्रुता के खिलाफ एक स्वर में एकजुट कर दिया है। जबकि हम इस नकली शासन को अस्वीकार करते हैं, हम एक पाकिस्तानी राष्ट्र के रूप में दृढ़ता से खड़े हैं और मोदी की युद्ध-उत्तेजना और क्षेत्रीय शांति को खतरा पहुंचाने वाली उनकी खतरनाक महत्वाकांक्षाओं की कड़ी निंदा करते हैं।

शहबाज शरीफ सरकार को सलाह दी

कहने की ज़रूरत नहीं कि बाहरी दुश्मन के खिलाफ़ जंग जीतने के लिए सबसे पहले देश को एकजुट होना होगा। अब समय आ गया है कि उन सभी कार्रवाइयों पर रोक लगाई जाए, जो देश को और ज़्यादा ध्रुवीकृत कर रही हैं। इस समय में राजनीतिक उत्पीड़न पर राज्य का अत्यधिक ध्यान आंतरिक विभाजन को गहरा कर रहा है और बाहरी खतरों का सामना करने की राष्ट्र की सामूहिक क्षमता को कमज़ोर कर रहा है। नवाज शरीफ और आसिफ जरदारी जैसे स्वार्थी लोगों से किसी भी तरह के कड़े रुख की उम्मीद करना नासमझी है।

वे भारत के खिलाफ कभी नहीं बोलेंगे क्योंकि उनकी अवैध संपत्ति और व्यापारिक हित विदेश में हैं। वे विदेशी निवेश से लाभ कमाते हैं और उन वित्तीय हितों की रक्षा के लिए वे विदेशी आक्रमण और पाकिस्तान के खिलाफ निराधार आरोपों के सामने चुप रहते हैं। उनका डर सरल है, क्योंकि अगर वे सच बोलने की हिम्मत करते हैं तो भारतीय लॉबी उनकी विदेशी संपत्ति को जब्त कर सकती है। अवैध रूप से कैद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अदियाला जेल में वकीलों के साथ चर्चा की।

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Apr 30, 2025 09:07

Edited By

Khushbu Goyal

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