Vastu Tips Rules to Place Ganeshi Murti at Home vastu dosh upay

Vastu Tips: धर्मशास्त्रों में सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा का विधान है. धार्मिक ग्रंथों के विवरण के अनुसार वास्तु पुरुष की प्रार्थना पर ब्रह्मा जी ने वास्तु शास्त्र के नियमों की रचना की थी, जिनका पालन करने से हर प्रकार का सुख मिलता है. व्यापार में सफलता तथा वास्तु दोष से बचने के लिए गणेश जी की पूजा एवं स्थापना जरूर करनी चाहिए.

मुख्य द्वार पर गणेश जी की कैसी मूर्ति लगाएं

पूजा-पाठ के लिए घर के उत्तर-पूर्वी कोने में गणपति जी की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए. वहीं घर के मुख्य द्वार पर भी गणेश जी की मूर्ति लगाना उत्तम माना जाता है, क्योंकि यह घर का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है.  यहीं से सकारात्मक ऊर्जा घर के अंदर प्रवेश करती है. ऐसे में यदि आपका मुख्य द्वार उत्तर या दक्षिण दिशा में है, तो गणेश जी की मूर्ति लगाना शुभ माना जाता है. मूर्ति इस प्रकार लगाएं की गणेश जी का मुख अंदर की ओर हो. मुख्य द्वार पर सिंदूरी रंग की मूर्ति लगाना बहुत ही शुभ होता है.

वास्तु में गणपति की मूर्ति का महत्व

शास्त्रों के अनुसार सभी कार्यों की निर्विघ्नता पूर्ण सम्पन्नता के लिए गणेश जी की आराधना का विधान है. कोई भी पूजा गणेश जी के बिना अधूरी समझी जाती है. वास्तु के पंचतत्व आकाश, पृथ्वी, जल, वायु तथा अग्नि से मिल करके ही मानव शरीर का निर्माण हुआ है. वास्तु शास्त्र में माना गया है कि घर और कार्यक्षेत्र में वास्तु नियमों का ध्यान रखने से व्यक्ति को इसके अच्छे परिणाम ही प्राप्त होते हैं. आपने कई लोगों को अपने ऑफिस डेस्क या फिर अपनी कार में गणेश जी रखते देखा होगा. वास्तु की दृष्टि से ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है.

नाना प्रकार की विधाओं में वास्तु शास्त्र के अंतर्गत गणेश जी का पूजन किया जाता है. चीन देश का वास्तु शास्त्र, फेंगशुई और रंग विज्ञान का समायोजन भी गणेश की उपासना पर ही आधारित है, बागुआ गणपति इसका प्रतीक है जिसका उपयोग फेंगशुई के अंतर्गत किया जाता है. गणेश जी की प्रतिमा की सूंड़ कहीं दाई ओर तो कहीं बायीं की ओर घूमी मिलती है.

कौन सी सूंड वाले गणपति शुभ

बाई सूंड़ वाले गणेश जी सौम्य स्वरूप के परिचालक है. इनकी पूजा से मोक्ष की प्राप्ति होती है, आत्मस्वरूप का ज्ञान प्राप्त होता है जबकि दांयी सूंड़ वाले गणेश जी से सांसारिक समृद्धि की प्राप्ति होती है. जब भी आप अपने घर-कार्यालय में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें तो किसी वास्तुशास्त्री से प्रतिमा की उंचाई, लम्बाई आदि विषयों की जानकारी लेकर ही शुभ मुहूर्त में गणेश जी को स्थापित करें.

  • उगते सूर्य की तरफ, जिस भी घर के सामने गणेश जी की प्रतिमा लगी होगी वहां प्रायः वास्तु दोष नहीं होता.
  • टायलेट की जगह कभी भी गणेश जी की प्रतिमा न लगायें, ऐसी जगह कभी भी गणेश जी न लगायें जहां लोग थूकते हों.
  • यदि घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी की प्रतिमा लगाया है तो उसके दूसरी तरफ ठीक उसी जगह गणेश जी की प्रतिमा इस प्रकार लगायें कि दोनों की पीठ मिली रहे.
  • अगर मकान का मुख्य द्वार का मुंह दक्षिण दिशा की ओर है तो गणेश जी की सूंड़ दाहिने तरफ होनी चाहिए.
  • सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने के लिए बुधवार को भगवान गणेश को मोदक, 21 दूब, सिन्दूर, तथा पुष्प आदि चढ़ायें, तुलसी जी भूल करके नहीं चढ़ाना चाहिए, हो सके तो हाथी तथा चूहों को लड्डू खिलायें.

मिलते हैं लाभ

वास्तु के नियमों के अनुसार, अपने घर या कार्यक्षेत्र आदि में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते हैं, तो इससे वास्तु दोष से मुक्ति पाई जा सकती है. इसके साथ ही घर और कार्यक्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है. इसका अच्छा प्रभाव परिवार के सदस्यों पर भी देखने को मिलता है और गणेश जी की कृपा से तरक्की के योग बनने लगते हैं. वास्तु शास्त्र में यह माना गया है कि भगवान गणेश की पूजा से रचना संबंधी वास्तु दोष दूर हो सकते हैं.

मूर्ति का रंग

शास्त्र के अनुसार, घर में गणेश जी की सफेद रंग की मूर्ति स्थापित करना बहुत ही शुभ माना गया है. इसी के साथ आप सिंदूरी रंग की गणपति जी की मूर्ति भी घर में स्थापित कर सकते हैं. अगर आप बच्चों के स्टडी रूप में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं, तो इसके लिए पीले या हल्के हरे रंग की मूर्ति सबसे बेहतर मानी जाती है. आप इसे बच्चों के स्टडी टेबल पर स्थापित कर सकते हैं, इससे शिक्षा क्षेत्र में सफलता की संभावना बढ़ जाती है.

ऑफिस में लगाएं गणेश की मूर्ति

वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऑफिस डेस्क पर भी भगवान श्री गणेश की मूर्ति लगाना बहुत ही शुभ माना जाता ह.ऑफिस डेस्क पर गणेश जी की सफेद रंग की मूर्ति लगानी चाहिए. कार्यक्षेत्र में बप्पा जी की खड़ी हुई प्रतिमा लगाना अधिक शुभ माना जाता है. बस इस बात का ध्यान रखें कि गणेश जी का मुख दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए.

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