नई दिल्ली। कोई जिम में ट्रेड मिल पर दौड़ रहा है अचानक से गिर जाता है। पता चलता है हार्ट फेल हो गया। कोई बैडमिंटन खेल रहा होता है अचानक से गिर जाता है पता चलता है कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) से मौत हो गई। कोई डांस करते करते अचानक से गिर जाता है। पता चलता है हार्ट अटैक (Heart Attack) आ गया उसकी मौत हो गई। हाल के दिनों में जो मौतें हो रही हैं उसमे से किसी की उम्र 15 साल 18 साल 20 साल 30 35 45 साल। देश में एक दो नहीं कई केसेज सामने आए हैं।
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हार्ट अटैक (Heart Attack) के मामले दुनियाभर में जिस गति से बढ़ते जा रहे हैं, इसने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को सोचने पर विवश कर दिया है। भारत में भी हार्ट अटैक-हार्ट फेलियर (Heart Attack-Heart Failure) की घटनाएं न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव बढ़ाती जा रही हैं, इसके कारण मृत्यु दर भी काफी बढ़ गया है। चिंताजनक बात ये है कि अब 20 से भी कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक (Heart Attack) और इससे मौत के मामले अधिक रिपोर्ट किए जा रहे हैं। कोविड-19 (Covid-19) महामारी के बाद से हृदय संबंधी घटनाएं और भी बढ़ गई हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या महामारी ने हृदय रोगों को बढ़ा दिया है।
इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिल्वेनिया (University of Pennsylvania, USA) के शोधकर्ताओं ने अध्ययन (Study) किया। इसमें विशेषज्ञों ने बताया है कि कोविड-19 (Covid-19) रोग ने हृदय स्वास्थ्य को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है, दुनियाभर में बढ़ते हार्ट अटैक (Heart Attack) और हृदय संबंधित बीमारियों के लिए इसे एक कारण माना जा सकता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि जिन लोगों को कोविड महामारी (Covid Pandemic) के दौरान संक्रमण हो चुका है उनमें हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा अधिक हो सकता है।
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