1 ताबूत, कोई अंग नहीं निकाला जाएगा…जानें कहां दफनाए जाएंगे Pope Francis, कैसे दी जाएगी अंतिम विदाई?

कैथोलिक धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने 88 साल की उम्र में 21 अप्रैल दिन सोमवार को आखिरी सांस ली। उन्होंने वेटिकन सिटी में कैथोलिक चर्चा में दुनिया को अलविदा कहा। उनके अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि पोप का अंतिम संस्कार कब होगा, अभी इसकी तारीख और समय तय नहीं किया गया है, लेकिन पोप को 4 से 6 दिन बाद अंतिम विदाई दी जाएगी। पोप का अंतिम संस्कार कैसे होगा? पोप को कहां दफनाया जाएगा? उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया क्या रहेगा? क्या परंपराएं निभाई जाएंगी? इसकी जानकारी सामने आ गई है, आइए जानते हैं…

 

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साधारण ताबूत में पार्थिव शरीर

पोप फ्रांसिस के पार्थिव शरीर को आज वेटिकन सिटी में ताबूत में रखा जाएगा। वेटिकन सिटी स्थित पोप के सेंट मार्था निवास पर कार्डिनल केविन जोसेफ फैरेल उनके पार्थिव शरीर को ताबूत में रखेंगे। ताबूत साधारण लकड़ी और जस्ते से बना होगा। ताबूत एक ही होगा, जबकि पोप को 3 ताबूत में दफनाए जाने की प्रथा है, लेकिन पोप ने इच्छा जताई थी कि उन्हें एक ही ताबूत में दफनाया जाए। ताबूत में रखे जाने के बाद उनके पार्थिव शरीर को सेंट पीटर्स बेसिलिका ले जाया जाएगा, जहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर पाएंगे। ताबूत में पार्थिव शरीर के साथ कुछ चीजें भी रखी जाती हैं।

 

क्या परंपराएं निभाई जाएंगी?

पोप फ्रांसिस को अंतिम विदाई सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार दी जाएगी। कई दिन धार्मिक अनुष्ठान चलेंगे, लेकिन कार्यक्रम बेहद साधारण होगा। उन्हें 3 ताबूतों में नहीं, बल्कि साधारण ताबूत में दफनाया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शनार्थ रखने के लिए कोई भव्य मंच भी नहीं बनाया जाएगा। हालांकि तय परंपराएं निभाई जाएंगी, लेकिन बेहद साधारण तरीके से प्रार्थनाओं का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा पोप फ्रांसिस के शरीर के किसी भी अंग को निकाला नहीं जाएगा, जबकि पोप के शरीर के एक अंग को निकालकर संरक्षित करने की परंपरा है, लेकिन पोप फ्रांसिस ऐसा नहीं चाहते थे।

 

कहां दफन किया जाएगा?

पोप फ्रांसिस को सेंट पीटर बेसिलिका के नीचे वेटिकन ग्रोटोज में दफन किया जाता है। यहां अब तक 100 पोप दफनाए जा चुके हैं, लेकिन साल 2023 में पोप फ्रांसिस ने घोषणा की थी कि उन्हें वेटिकन सिटी से बाहर रोम में टाइबर नदी के दूसरी तरफ बने सांता मारिया मैगीगोर चर्च में दफनाया जाए। इसलिए उन्हें सांता मारिया मैगीगोर में दफनाया जाएगा। क्योंकि वहां उन्हें अपनी पसंदीदा मैडोना आइकन के करीब रहने का मौका मिल जाएगा।

पोप फ्रांसिस चाहते थे कि उनका अंतिम संस्कार सामान्य पादरी की तरह किया जाए, न कि कैथोलिक धर्मगुरु होने के नाते धूमधाम से और तय नियमों के अनुसार किया जाए, इसलिए उनकी इच्छा मानी जाएगी। मैगीगोर बेसिलिका से पोप फ्रांसिस को लगाव था। वे यहां वर्जिन मैरी को सम्मान देने के लिए हर रविवार की सुबह जाते थे।

बता दें कि सांता मारिया मैगीगोर में 7 अन्य पोप को भी दफन किया गया था, लेकिन पोप लियो XIII आखिरी पोप थे, जिन्हें वेटिकन से बाहर दफनाया गया था। उनका निधन वर्ष 1903 में हुई थी। उसके बाद 100 साल में पोप फ्रांसिस पहले पोप होंगे, जिन्हें वेटिकन सिटी से बाहर दफन किया जाएगा।

 

सफेद रेशमी कपड़ा चेहरे पर

बता दें कि पोप फ्रांसिस के पार्थिव शरीर को दफनाने के लिए ताबूत को बंद करने से पहले उनके चेहरे पर सफेद रंगर का रेशमी कपड़ा डाला जाएगा। यह कपड़ा अनंत शांति का प्रतीक है। पोप के अंतिम संस्कार के बाद दुनियाभर के कैथोलिक चर्च में 9 दिन तक (नोवेंडियालेस) शोक और प्रार्थना सभाएं होंगी।

Current Version

Apr 22, 2025 07:52

Edited By

Khushbu Goyal

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