Hapur News: उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ में अगर सरकारी स्कूलों का शिक्षा मॉडल देखना है, तो इन तस्वीरों को जरा गौर से देख लीजिए. इन तस्वीरों को देखकर आप समझ जाएंगे कि यहां पढ़ने आने वाले छात्रों को डॉक्टर और इंजीनियर बनाने की जगह उन्हें लेबर के लिए (यानि मजदूरी के लिए) तैयार किया जा रहा है. लाइन से लगे स्कूली छात्र ट्रैक्टर से एक-एक कर ईंटें उतार रहे हैं और एक-दूसरे को पास कर रहे हैं.
बताया जा रहा है कि यह वीडियो हापुड़ के नगर कोतवाली क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय शिवगढ़ी का है. स्थानीय लोगों ने जब स्कूली छात्रों को पढ़ाई करने की बजाए, ईंटें ढ़ोते हुए देखा तो इसकी वीडियो बनाकर विरोध शुरू कर दिया. स्कूल से बाहर आईं मैडम ने अपनी गलती मानने की बजाय समाज के जिम्मेदार और जागरूक लोगों का विरोध करते हुए उलझने की कोशिश की.
जिम्मेदार अधिकारियों पर उठे सवाल
ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार भले ही बच्चों के भविष्य को सजाने और संवारने के लिए शिक्षा पर लाखों-करोड़ो रूपये खर्च कर रही है. अगर जिले के अफसर अपनी जिम्मेदारी के प्रति थोड़ा भी संजीदा और जागरूक हो जाएं और जमीनी स्तर पर निरीक्षण करें तो ऐसी तस्वीरे सामने ना आतीं. इससे शिक्षा का स्वरूप न सिर्फ कागजों में बदल जाएगा, बल्कि हकीकत में भी बदलता हुआ नजर आएगा.
बीएसए बोले- जांच के बाद होगी कार्रवाई
वहीं इस मामले पर हापुड़ बीएसए रीतु तोमर ने बताया कि नगर कोतवाली क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय शिवगढ़ी का एक वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से संज्ञान में आया है. वीडियो में बच्चे काम कुछ काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस मामले में संबंधित ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए निर्देश दिए गए. उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
(हापुड़ से विपिन शर्मा की रिपोर्ट)
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