पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर तोड़े जाने के विरोध में सड़क पर उतरा ‘जैन समाज’; अखिलेश बोले- भाजपा ने दुनिया में देश की सहिष्णुता छवि धूमिल की

Mumbai Parshvanath Digambar Jain Temple: मुंबई के विलेपार्ले में स्थित 90 साल पुराने पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को बीएमसी यानी बृहन्मुंबई नगर निगम ने बुधवार को तोड़ दिया। जिसको जैन समाज ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है और शनिवार सुबह अहिंसक रैली निकाली गई। इस रैली में मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, विधायक पराग अलवाणी और जैन समाज के संत शामिल हुए। जैन समुदाय ने बीएमसी की इस कार्रवाई के बाद दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए दुनिया में देश की सहिष्णुता छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है।

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दरअसल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जैन समाज की ओर से पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को तोड़े जाने के विरोध में निकाली गयी रैली पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘भाजपा सरकार के तहत मुंबई में तोड़े गये जैन मंदिर के विरोध में उमड़ा ये जैन समाज, देश में भाजपा सरकारों द्वारा अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के ख़िलाफ़ उफान पर आया वो क्रोध, रोष और आक्रोश है जिसका ज्वालामुखी बहुत दिनों से सुलग रहा था। आज ये तस्वीरें पूरी दुनिया में देखी जा रही हैं। भाजपा ने अपनी नकारात्मक राजनीति से हमारे देश की सहिष्णुता की स्वस्थ और स्वच्छ छवि बहुत धूमिल कर दी है।”

अखिलेश ने आगे लिखा, “सबसे बड़ा सवाल ये है कि आज़ादी के इतने सालों बाद आख़िर भाजपा के शासन में ही और विशेषकर भाजपा शासित राज्यों में ही ऐसी घटनाएं क्यों घट रही हैं, और जैन समाज कई बार सड़कों पर उतरने के लिए क्यों मजबूर हुआ है। ये विशाल जनाक्रोश बता रहा है कि अब भ्रष्ट भाजपा अपने अंतिम चरण में है। जैनियों के कार्यक्रम में प्रवचन देनेवाले भाजपाई अब कहाँ छुपकर बैठे हैं। पीडीए की एकता अब और पीड़ा नहीं सहेगी क्योंकि सवाल जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, मुस्लिम, पारसी या अन्य किसी अल्पसंख्यक समाज का नहीं है, सवाल देश की 90% पीड़ित-उत्पीड़ित पीडीए आबादी का है।”

बीएमसी की कार्रवाई पर कांबलीवाड़ी में नेमिनाथ सहकारी आवास सोसाइटी के अंदर स्थित मंदिर (चैतलया) के ट्रस्टी अनिल शाह ने कहा कि इसे (पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर) 16 अप्रैल को ढहा दिया गया। उन्होंने दावा कि यह संरचना 1960 के दशक की थी और बीएमसी की अनुमति से इसका जीर्णोद्धार कराया गया था। शाह ने यह भी कहा कि एक सरकारी प्रस्ताव है जिसमें कहा गया है कि ऐसी संरचनाओं को नियमित किया जा सकता है। आपको केवल बीएमसी को नियमितीकरण के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा और हमने वह प्रस्ताव प्रस्तुत किया था।

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