BSE@150: वित्त मंत्री ने निवेशकों और कंपनियों को दिए ये तीन मंत्र, जानिए निर्मला सीतारमण के भाषण की बड़ी बातें

Nirmala Sitharaman on BSE 150: केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण मुंबई में बीएसई बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के ‘सेवा के 150 वर्ष’ पूरे होने के मौके पर आयोजित प्रोग्राम में शामिल हो रही हैं.  इस मौके पर  प्रोग्राम में केंद्रीय  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की अहम भूमिका है. साथ ही BSE के पास हर महीने 1500 करोड़ रुपए के ऑर्डर मैनेज करने की क्षमता है.  साथ ही उन्होंने निवेशकों को तीन मंत्र भी दिए. गौरतलब है कि 9 जुलाई 2025 को बीएसई की स्थापना के 150 साल पूरे हो जाएंगे.

निवेशकों को दिए ये तीन मंत्र

 वित्त मंत्री ने निवेशकों से कहा कि वह हमेशा जानकारी रखें, धैर्य बनाए रखें और अनुशासन के साथ वेल्थ क्रिएट करने के लंबी अवधि के फायदे पर भरोसा रखें. वहीं, कॉर्पोरेट्स के लिए वित्त मंत्री से अपील की है कि वह पारदर्शिता, अच्छी गर्वनेंस और शेयर होल्डर्स के हितों का ध्यान रखें. रेगुलेटर्स के लिए वित्त मंत्री ने कहा कि वह तेजी से बदलती दुनिया में हमेशा एक्टिव रहें और तुरंत रिस्पॉस दें. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रोग्राम में कहा- “संरक्षणवादी नीतियां ग्लोबल सप्लाई चेन को बाधित कर सकती हैं, जिससे प्रोडक्शन कॉस्ट भी बढ़ती है.”

हर सेकंड 14 लाख ऑर्डर प्रोसेस करता है BSE 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा BSE हर सेकंड 14 लाख ऑर्डर प्रोसेस करता है. साथ ही ऑर्डर प्रोसेसिंग का वक्त 200 माइक्रो सेकंड से कम है. साथ ही T+1 सेटलमेंट एक बड़ी उपलब्धी है. वित्त मंत्री ने कहा कि, ‘हाल की वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत के वित्तीय बाजारों ने उल्लेखनीय मजबूती दिखायी है. हम वैश्विक बाधाओं से उपयुक्त नीतियों और दीर्घकालीन निवेश के जरिये निपटेंगे.’ वित्त मंत्री ने दोहराया कि भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे.

सबकी पहुंच में और हर संकट झेलने में हो बाजार 

वित्त मंत्री ने कहा, “भारत के कैपिटल मार्केट के लिए हमारी सोच सिर्फ उन्हें बड़ा बनाने तक ही सीमित नहीं है. हम ऐसे बाज़ार बना रहे हैं सबको शामिल करने वाले,सबकी पहुंच में, और हर संकट झेलने में सक्षम हों. जहां तरह-तरह के नए वित्तीय साधन हो निवेशक और पूंजी जुटाने वाले दोनों तरह के अलग-अलग भागीदार हो. जहां सभी तरह के घरेलू और विदेशी निवेश बिना किसी रुकावट के, तेजी से, आसानी से और बड़े पैमाने पर आसान से हिस्सा ले सकें.’ 

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