National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने 9 अप्रैल को विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे और कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा का नाम है। यह चार्जशीट पीएमएलए की धारा 3 (मनी लॉन्ड्रिंग) और धारा 4 (सजा) के तहत दाखिल की गई है। ईडी की इस कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस ने आज देशभर में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। जिसको लेकर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस और गांधी परिवार पर जमकर हमला बोला है।
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कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के बीच भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कह कहा, “कांग्रेस पार्टी संकट में है, उसका दावा है कि उन्हें पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है। जबकि उन्हें निश्चित रूप से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन उन्हें नेशनल हेराल्ड को दी गई सार्वजनिक संपत्ति का दुरुपयोग करने का अधिकार नहीं है। मुझे कुछ महत्वपूर्ण तथ्य याद दिलाना है। नेशनल हेराल्ड की स्थापना 1937 में हुई थी, और इसके 5,000 शेयरधारक थे जिन्होंने शेयर खरीदे थे। यह कभी भी नेहरू परिवार की निजी संपत्ति नहीं थी, और यह समझना महत्वपूर्ण है कि कई प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों और कांग्रेस नेताओं ने इस पहल का समर्थन किया था।”
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा, “9 करोड़ रुपए का यह हस्तांतरण कोई बड़ी बात नहीं है। इन शेयरों के हस्तांतरण के बाद, यंग इंडिया कंपनी, जिसके 76% मालिक सोनिया गांधी और राहुल गांधी थे, उन्होंने एसोसिएटेड जनरल की पूरी संपत्ति अपने नाम कर ली। इस संपत्ति में दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, भोपाल और पटना की हज़ारों करोड़ की संपत्ति शामिल है। दावा किया गया था कि यंग इंडिया लिमिटेड धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए एक गैर-लाभकारी संगठन है, लेकिन उन्होंने आज तक कोई धर्मार्थ कार्य नहीं किया है…”
नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर भाजपा सांसद ने कहा, ‘”एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी जमानत पर बाहर हैं। उन्होंने केस को खत्म करने के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। राहुल गांधी और सोनिया गांधी को जवाब देना चाहिए कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए या नहीं?… नरेंद्र मोदी की सरकार कानून को अपना काम करने देगी।
उन्होंने कहा, “सरदार पटेल ने कहा था कि नेशनल हेराल्ड को पैसे देने वाले लोग अच्छे लोग नहीं हैं… फिर भी, जिस अखबार को कांग्रेस पार्टी का पूरा संरक्षण, प्रचार और संरक्षण मिला हुआ था, वह क्यों नहीं फल-फूल सका? क्योंकि यह अखबार केवल विज्ञापन बटोरने और सरकारी सहयोग से संपत्ति बनाने का साधन था… जिस अखबार से आजादी की लड़ाई लड़ रहे लोगों की आवाज को मजबूत करने की उम्मीद थी, उस अखबार को उन्होंने निजी व्यवसाय, एटीएम बना दिया!””
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रविशंकर प्रसाद ने कहा “मैंने देखा है कि यंग इंडिया को शेयरों के हस्तांतरण के बाद, 25-26 करोड़ रुपये का विज्ञापन भी दिया गया… दुखद सच्चाई यह है कि जिस अखबार की स्थापना स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ने वालों की आवाज को मजबूत करने के लिए की गई थी, वह अब एक निजी व्यवसाय में तब्दील हो गया है…”
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