
सूअर
वाशिंगटन: अमेरिकी रिसर्चर्स जल्द ही यह परीक्षण करेंगे कि क्या जीन में बदलाव किए गए सूअर के यकृत (लिवर) के जरिए उन लोगों का इलाज किया जा सकता है, जिनके लिवर ने अचानक काम करना बंद कर दिया हो। ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन के क्षेत्र में रिसर्च करने वाली कंपनी ईजेनेसिस के अनुसार, अपनी तरह के पहले क्लिनिकल परीक्षण को (अमेरिका के) खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) की ओर से मंजूरी दे दी गई है। FDA की ओर से यह मंजूरी ऐसे समय पर दी गई है जब हाल ही में चीन के डॉक्टरों ने ब्रेन डेड मरीज में सूअर के लिवर को सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया था।
क्या कहते हैं आंकड़े
एक अनुमान के मुताबिक, अमेरिका में हर साल 35,000 लोग अचानक लिवर खराब हो जाने की वजह से अस्पताल में भर्ती होते हैं। इलाज के बेहद कम विकल्प होने से मृत्यु दर 50 प्रतिशत तक पहुंच जाती है। बहुत से लोगों को समय पर ट्रांसप्लांट के लिए उनके शरीर के लिए उपयुक्त लिवर नहीं मिल पाता है। लेकिन, अब अगर सब ठीक रहा तो हालात बदलेंगे।
सूअर
ऐसे होगा क्लिनिकल टेस्ट
क्लिनिकल टेस्ट के दौरान रिसर्चर्स सूअर के लिवर को ट्रांसप्लांट नहीं करेंगे। इसे उन लोगों के शरीर में बाहरी रूप से जोड़ा जाएगा जो इस टेस्ट में शामिल होंगे। मैसाचुसेट्स स्थित ईजेनेसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माइक कर्टिस ने कहा कि चार शवों के साथ किए गए प्रयोग में यह पता चला कि सूअर का लिवर दो या तीन दिनों तक मानव लिवर के कामकाज में मदद कर सकता है। ईजेनेसिस सूअरों को आनुवंशिक रूप से संशोधित करता है। क्लिनिकल टेस्ट में 20 मरीजों को शामिल किया जाएगा। (एपी)
यह भी पढ़ें:
लंदन में भारतीय विरासत पर मंडराया खतरा! जानें कैसे कानूनी लड़ाई में उलझा 100 साल पुराना रेस्तरां
Afghanistan Earthquake: भूकंप से कांप गई अफगानिस्तान की धरती, महसूस किए गए तेज झटके
Latest World News
Read More at www.indiatv.in