Chardham Yatra News: चारधाम यात्रा 2022 को सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने तैयारियों में व्यापक बदलाव और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. इस बार यात्रा में सभी दुकानदारों, घोड़ा-खच्चर, कंडी व पालकी संचालकों समेत समस्त सेवा प्रदाताओं को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग दिए जाएंगे, ताकि उनकी पहचान और निगरानी आसान हो सके.
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने शनिवार को चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि RFID टैग से सेवा प्रदाताओं का डेटा ट्रैक करना आसान होगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी और अनियमितताओं पर भी रोक लगेगी.
चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव ने क्या बोला?
मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा मार्गों पर लगने वाले जाम और आपदाओं की रियल टाइम जानकारी यात्रियों तक पहुंचाने की दिशा में डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अगर किसी स्थान पर भूस्खलन, सड़क दुर्घटना या अन्य कारणों से यातायात बाधित होता है, तो उसकी जानकारी यात्रियों को पहले ही मिलनी चाहिए, जिससे वे वैकल्पिक मार्ग चुन सकें या समय रहते अपने कार्यक्रम को समायोजित कर सकें.
उन्होंने लोक निर्माण विभाग को यह जिम्मेदारी सौंपी कि यात्रा शुरू होने से पहले यह डिजिटल सूचना प्रणाली धरातल पर उतार दी जाए. जब तक यह व्यवस्था पूरी तरह से क्रियान्वित नहीं हो जाती, तब तक यात्रियों को बल्क एसएमएस और बल्क वॉट्सएप मैसेज के माध्यम से जानकारी देने की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
यात्रा मार्ग को स्वच्छ रखना ही सर्वोच्च प्राथमिकता
यात्रा मार्गों की स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और 15वें वित्त आयोग के तहत टाइड फंड से भी इस बार स्वच्छता के लिए बजट उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बजट स्वच्छता के साथ-साथ कचरा प्रबंधन और सफाईकर्मियों की तैनाती में उपयोग किया जाएगा.
मुख्य सचिव ने चारों धामों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए संबंधित सचिवों से फीडबैक लिया. सचिव युगल किशोर पंत को केदारनाथ यात्रा मार्ग, डॉ. आर राजेश कुमार को बदरीनाथ मार्ग, डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम को गंगोत्री मार्ग और डॉ. नीरज खैरवाल को यमुनोत्री मार्ग की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
UPCL को बिजली प्रबंधन के निर्देश
उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि इन सचिवों से प्राप्त सुझावों का पूरी गंभीरता से अनुपालन किया जाए और जो भी खामियां हैं, उन्हें शीघ्र दूर किया जाए. यूपीसीएल को चारधाम क्षेत्रों में लो-वोल्टेज की समस्या तत्काल हल करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
मुख्य सचिव ने केदारनाथ में निर्माणाधीन अस्पताल को यात्रा शुरू होने से पहले पूरी तरह से क्रियाशील करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही, हरिद्वार, ऋषिकेश और विकासनगर स्थित पंजीकरण केंद्रों पर स्वास्थ्य जांच की सुविधाओं को भी बढ़ाने को कहा गया है, ताकि श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच यात्रा प्रारंभ होने से पहले ही की जा सके.
यात्रा मार्ग पर पार्किंग व्यवस्था भी होगी बहाल
यात्रा मार्गों पर भीड़ प्रबंधन के लिए पार्किंग व्यवस्था को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया. मुख्य सचिव ने मल्टी लेवल पार्किंग की स्थापना और अधिकाधिक पार्किंग स्थलों को चिन्हित करने के निर्देश दिए. उन्होंने यह भी कहा कि पार्किंग स्थलों के आस-पास रुकने, खाने-पीने और स्वास्थ्य जांच की सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं, जिससे यात्रियों को असुविधा न हो. पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यात्रा मार्गों पर पौधरोपण करने और स्मृति वन विकसित करने के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान करने को भी कहा है.
इस समीक्षा बैठक में सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, डॉ. पंकज पांडेय, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. आर राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी समेत चारधाम और यात्रा मार्गों से संबंधित जिलों के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए.
चारधाम यात्रा 2024 को व्यवस्थित, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए सरकार ने आधुनिक तकनीक के साथ-साथ बुनियादी व्यवस्थाओं को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं. RFID टैग से लेकर डिजिटल बोर्ड, स्वच्छता बजट और स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती जैसी तैयारियों से उम्मीद की जा रही है कि इस बार की यात्रा पूर्व वर्षों की तुलना में अधिक सुविधाजनक और श्रद्धालुओं के लिए सुखद अनुभव देने वाली होगी.
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