Market Wrap: टैरिफ वॉर के चलते दुनियाभर के शेयर बाजारों में बहुत ज्यादा वॉलेटिलिटी बनी हुई है. कभी बाजार गेन कर रहे हैं तो कभी किसी एक खबर पर बड़ी गिरावट आ रही है. ये पूरा हफ्ता कुछ ऐसा ही बीता है. पूरे हफ्ते वॉलेटिलिटी थी, ग्लोबल और लोकल दोनों ही बाजार में. लेकिन हमने कुछ रैली वाले ट्रेडिंग सेशन देखें तो कुछ करेक्शन वाले भी. लेकिन बड़ा ट्रिगर जाहिर तौर पर टैरिफ वॉर ही रहा.
US-China Trade War पर सबकी नजरें
ट्रंप की ओर से टैरिफ लगाने के बाद ग्लोबल बाजार सतर्क थे. खासकर, यूएस और चीन के बीच में जो काउंटर टैरिफ का गेम था, उसने ज्यादा कॉशस किया. ट्रंप ने चीन पर 125% तक का टैरिफ लगा दिया है. अमेरिकी बाजार हफ्ते के बीच बड़ी गिरावट पर थे. लेकिन फिर ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी लगभग सभी देशों पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाला है, जिसके चलते यूएस मार्केट्स फिर उछले भी थे. लेकिन फिलहाल बाजार पर वॉलेटिलिटी ही हावी थी.
बाजार के लिए क्या रहा पॉजिटिव?
घरेलू बाजार का भी यही हाल था. हालांकि, रिलीफ रैली में निफ्टी 23,000 के क्लोज पहुंचा था. हफ्ता खत्म होते-होते ब्रॉडर मार्केट में भी खरीदारी दिखी. चूंकि ट्रेड वॉर एक तरीके से यूएस-चीन के बीच केंद्रित हो रहा है, ऐसे में इंडियन इकोनॉमी और मार्केट्स के लिए ये पॉजिटिव हो सकता है. इसके अलावा, मिडवीक में RBI की Monetary Policy में उम्मीद के मुताबिक रेपो रेट में कटौती आई, ये भी बाजार के लिए पॉजिटिव रहा. एशियाई मार्केट्स में जहां गिरावट थी, भारतीय शेयर बाजार बेहतर करते दिखे. हां, FIIs की बिकवाली इस हफ्ते भी जारी रही. अप्रैल के पहले 9 दिनों में FIIs ने कैश मार्केट में 32,000 करोड़ से ज्यादा बेचा है तो DIIs ने 23,000 करोड़ से ज्यादा खरीदारी की है.
कमोडिटी और करेंसी मार्केट में क्या हुआ?
अब आते हैं कमोडिटी और करेंसी मार्केट पर. टैरिफ वॉर की अनिश्चितता और कमजोर डॉलर से सोना 3200 डॉलर से ऊपर रिकॉर्ड ऊंचाई पर था. घरेलू बाजार में भी ये 93,000 रुपये के ऊपर चला गया था. कच्चे तेल में भी काफी उठापटक थी ये 63 डॉलर के आसपास चल रहा था. ट्रेड वॉर की खींचतान में डॉलर इंडेक्स करीब 7 महीने के निचले स्तर पर 100 के पास लुढ़का था, तो 10 साल की अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 5 दिन में 50 बेसिस पॉइंट्स उछलकर 4.5 परसेंट के पास पहुंची थी.
अगले हफ्ते क्या रहेगा आउटलुक?
चौथी तिमाही के लिए रिजल्ट सीजन की शुरुआत हो गई है. TCS के नतीजे थोड़े कमजोर थे. लेकिन गाइडेंस थोड़ी भरोसे वाली आई है. वैसे ओवरऑल, Q4 के लिए बेहतर नतीजों की उम्मीद की जा रही है. अगले हफ्ते Wipro, Infosys, IREDA, HDFC Bank, ICICI Bank जैसी कंपनियों के नतीजे आएंगे. इसके, अलावा आउटलुक की बात करें तो टैरिफ पर अपडेट्स ग्लोबल और इंडियन मार्केट्स के लिए ट्रिगर रहेंगे. भारत की ओर से इसपर क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं, ये देखना होगा. डॉलर इंडेक्स, क्रूड और रुपये जैसे ट्रिगर्स के अलावा, अगले हफ्ते रिटेल और होलसेल महंगाई के आंकड़े आएंगे.
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