तहव्वुर राणा कहीं सुसाइड न कर ले? NIA को क्यों सता रहा डर, सेल में सख्त किया पहरा

तहव्वुर राणा
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तहव्वुर राणा

नई दिल्लीः 26/11 मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर राणा (64 वर्ष) को एनआईए मुख्यालय के भीतर अत्यधिक सुरक्षित सेल में रखा गया है। राणा के आस-पास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। राणा की 24 घंटे सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी भी की जा रही है। साथ ही सुरक्षाकर्मी भी कड़ा पहरा दे रहे हैं। लोधी रोड पर स्थित एनआईए मुख्यालय को बहुस्तरीय सुरक्षा में रखा गया है। 

राणा को केवल सॉफ्ट-टिप पेन की अनुमति होगी

एक सूत्र ने कहा कि तहव्वुर राणा को ग्राउंड फ्लोर पर 14×14 सेल में रखा गया है। उसे लिखने के लिए केवल सॉफ्ट-टिप पेन की अनुमति होगी ताकि वह खुद को नुकसान न पहुंचा सके। राणा को “आत्महत्या की निगरानी” पर रखा गया है। 

इन चीजों को लेकर हो सकती है पूछताछ

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को एनआईए ने आतंकी हमले के पीछे की बड़ी साजिश को उजागर करने के लिए राणा से पूछताछ शुरू की। पूछताछ में आईएसआई के साथ उसके संबंधों के अलावा भारत में स्लीपर सेल, विशेष रूप से उसके सहयोगी डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाऊद गिलानी से जुड़े लोगों पर ध्यान केंद्रित करने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि हेडली पर पुष्कर, गोवा, दिल्ली और अन्य स्थानों पर स्लीपर सेल की भर्ती करने का संदेह है। 

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना

मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किए जाने के मामले में कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार ने इस प्रक्रिया की शुरुआत नहीं की और वास्तव में यूपीए के तहत शुरू हुई। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार इस घटनाक्रम का श्रेय ले रही है, जबकि सच्चाई कोसों दूर है। चिदंबरम ने कहा कि यह प्रत्यर्पण किसी दिखावे का नतीजा नहीं है, यह इस बात का प्रमाण है कि जब कूटनीति, कानून प्रवर्तन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग ईमानदारी से और बिना किसी तरह की छाती ठोकने के साथ किया जाता है, तो भारत क्या हासिल कर सकता है।

उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया 11 नवंबर, 2009 को शुरू हुई, जब एनआईए ने डेविड कोलमैन हेडली (अमेरिकी नागरिक), राणा (कनाडाई नागरिक) और 26/11 की साजिश में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ नई दिल्ली में मामला दर्ज किया था। 

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