Hanuman Jayanti 2025: क्या आपने कभी सोचा है कि चंद्रमा की एक रात, आपके भाग्य, मानसिक स्थिति और आत्मिक ऊर्जा को एक साथ प्रभावित कर सकती है? 12 अप्रैल 2025 की रात, ऐसा ही एक दुर्लभ योग बन रहा है, जब आकाश में ‘पिंक फूल मून’ खिलेगा और उसी समय मीन राशि में पंचग्रही महासंयोग, शनिचरी पूर्णिमा और हनुमान जयंती भी एक साथ पड़ रही है. यह खगोलीय और आध्यात्मिक दृष्टि से ऐसा संयोग है जो दशकों में एक बार आता है.
क्या है ‘पिंक फूल मून’?
‘पिंक मून’ नाम अमेरिका की आदिवासी परंपरा से आया है, जिसमें अप्रैल की पूर्णिमा को वसंत ऋतु के गुलाबी फूल (Pink Phlox) के कारण यह नाम दिया गया. वास्तव में, चंद्रमा का रंग गुलाबी नहीं होता, लेकिन यह सांस्कृतिक नामकरण है जो प्रकृति और ज्योतिर्विज्ञान को जोड़ता है.
यह पूर्णिमा माइक्रोमून भी होगी क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी से अपनी सबसे दूर की कक्षा (Apogee) में होगा. यह वर्ष 2025 की सबसे छोटी और सबसे मंद पूर्णिमा होगी, लेकिन ज्योतिषीय रूप से यह अत्यंत प्रभावशाली है.
शनिचरी पूर्णिमा और हनुमान जयंती का दुर्लभ संयोग!
हनुमान जयंती पर शनिवार पड़ना और पूर्णिमा होना एक महा-शुभ संयोग है. शनि देव और हनुमान जी का गहरा संबंध है, हनुमान जी को शनि पीड़ा से मुक्ति दिलाने वाला देव माना गया है. इस दिन किया गया शनि मंत्र जाप, हनुमान चालीसा पाठ और दान विशेष फलदायी होता है.
मीन राशि में पंचग्रही योग, आध्यात्मिक ऊर्जा का विस्फोट
12 अप्रैल 2025 को मीन राशि में ये पांच ग्रह एक साथ रहेंगे-
- सूर्य
- चंद्रमा
- शुक्र
- बुध
- शनि
इस योग का फलस्वरूप, अंतर्ज्ञान बढ़ेगा. मानसिक विकार शांत होंगे. ध्यान और साधना में अद्भुत सफलता मिलेगी. जल, आध्यात्म, कविता, संगीत, और सेवा क्षेत्र में सकारात्मक उन्नति होगी. जो लोग इन क्षेत्रों से जुड़े हैं उनके लिए आज का दिन विशेष है.
इन राशियों को मिलेगा सबसे अधिक लाभ
- कर्क: मन की शांति, पारिवारिक सुख और आर्थिक राहत.
- मीन: आत्म-ज्ञान, आध्यात्मिक ऊर्जा और नया आरंभ.
- वृश्चिक: लंबे समय से रुके कार्य पूर्ण होंगे.
- धनु: दान-पुण्य से मिलेगा विशेष पुण्य फल.
- कुंभ: गुरुजनों से आशीर्वाद और लाभ प्राप्ति.
इन राशियों को सावधानी रखनी होगी
- मेष: मानसिक उतार-चढ़ाव संभव.
- सिंह: अहंकार या वाणी पर नियंत्रण ज़रूरी.
- मकर: स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही ना बरतें.
क्या करें आज रात: धर्म और ध्यान की शक्ति
- चंद्रमा को दूध और जल से अर्घ्य दें.
- हनुमान जी को सिंदूर, गुड़-चने और चमेली का तेल चढ़ाएं.
- “ॐ शं शनैश्चराय नमः” और “ॐ हनुमंते नमः” मंत्र का जाप करें.
- मौन व्रत, ध्यान और मानसिक शांति के लिए कम से कम 11 मिनट ध्यान करें.
क्या न करें
- बेवजह की यात्राएं न करें.
- क्रोध, वाद-विवाद और अहंकार से बचें.
- नींद या आलस्य में रात न बिताएं, यह आध्यात्मिक उन्नति का समय है.
12 अप्रैल 2025 की पूर्णिमा सिर्फ खगोलीय घटना नहीं है, यह एक आत्मिक आह्वान है. जब चंद्रमा, शनि, सूर्य, बुध और शुक्र एक ही राशि में हों, और वही दिन हनुमान जयंती और शनिचरी पूर्णिमा हो, तो यह अवसर ईश्वर के बेहद करीब होने का होता है.
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