अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता लिमिटेड (Vedanta Limited) को ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से नोटिस मिला है। इसमें कंपनी पर फ्लाई ऐश के अनऑथराइज्ड निपटान का आरोप लगाया गया है। साथ ही नियमों के कथित रूप से उल्लंघन के लिए एनवायरमेंटल कंपंजेशन के रूप में कंपनी से 71.16 करोड़ या 71,16,53,320 रुपये की मांग की गई है। 10 अप्रैल 2025 को जारी किया गया यह नोटिस पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) की ओर से जारी फ्लाई ऐश नोटिफिकेशन के तहत दिया गया।
BSE और NSE को एक एक्सचेंज फाइलिंग के जरिए कंपनी ने बताया है कि वह आरोपों का दृढ़ता से खंडन करती है और उसका इरादा मामले में उचित कानूनी कदम उठाने का है। वेदांता का दावा है कि ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंपनी के कंप्लायंस रिकॉर्ड और पहले के सबमिशंस पर उचित विचार किए बिना फैसला लिया है।
नहीं होगा कोई बड़ा वित्तीय असर
कहा गया, “वेदांता का मानना है कि उसके पास योग्यता के आधार पर एक मजबूत मामला है और उसे अनुकूल नतीजे मिलने की उम्मीद है।” साथ ही कहा कि उसे उम्मीद नहीं है कि आदेश का कोई बड़ा वित्तीय प्रभाव होगा। इस नोटिस के बारे में खुलासे में देरी पर वेदांता ने कहा कि वह मामले का आकलन और तथ्यों की जांच कर रही थी।
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वेदांता का शेयर 2 सप्ताह में 18 प्रतिशत गिरा
11 अप्रैल को वेदांता का शेयर बीएसई पर 2.6 प्रतिशत की बढ़त के साथ 380.30 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी का मार्केट कैप 1.48 लाख करोड़ रुपये है। शेयर पिछले 6 महीनों में 23 और केवल 2 सप्ताह में 18 प्रतिशत नीचे आया है। वेदांता में दिसंबर 2024 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 56.38 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
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