Stock Markets Rally: भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार 11 अप्रैल को जबरदस्त तेजी देखने को मिली। अमेरिकी टैरिफ पर 90 दिनों पर रोक की फैसले से निवेशक झूम उठे। सेंसेक्स और निफ्टी शुरुआती कारोबार में 2 फीसदी से भी अधिक उछल गए। इस तेजी से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू 8.56 लाख करोड़ से अधिक बढ़ गई। यह पिछले 6 महीने में आई सबसे बड़ी उछाल है। BSE पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप ₹393.82 लाख करोड़ से बढ़कर ₹402.37 लाख करोड़ पर पहुंच गया।
कारोबार के दौरान बीएसई सेंसेक्स 2.08 फीसदी उछलकर 75,356.38 के स्तर तक पहुंच गया। यह 22 नवंबर 2024 के बाद की सेंसेक्स में आई सबसे बड़ी इंट्राडे उछाल है। स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में भी जमकर खरीदारी दिखी। बीएसई मिडकैप इंडेक्स और स्मॉलकैप इंडेक्स क्रमश: 2 फीसदी और 2.8 फीसदी तक उछल गए।
इस तेजी के पीछे दो प्रमुख कारण रहे- अमेरिकी टैरिफ पर रोक और भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौता को लेकर नई उम्मीद।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार 9 अप्रैल को भारत सभी कई देशों पर लगाए ऊंचे टैरिफ को 90 दिनों के लिए रोकने का ऐलान किया। इसके बाद गुरुवार को अमेरिका से लेकर यूरोप और एशिया के शेयर बाजारों में भारी तेजी देखने को मिली थी। हालांकि भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को महावीर जयंती के चलते बंद थे, जिसके बाद आज इनमें शुरुआती कारोबार से ही तेजी जारी है।
हालांकि ग्लोबल मार्केट्स अपनी तेजी को आज दूसरे दिन जारी नहीं रख पाए। खासतौर से एशियाई बाजारों में गिरावट देखी गई। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 5.6% से ज्यादा लुढ़क गया, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 0.4% गिरकर 20,606.04 पर आ गया। चीन का शंघाई कंपोजिट 0.2% गिरकर 3,218.94 पर आ गया। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.6% गिरा और ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 2.1% गिरा। इस गिरावट के पीछे अमेरिका-चीन के बढ़ते व्यापार तनाव को माना जा रहा है।
एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
शेयर बाजार में आज की तेजी के बावजूद एनालिस्ट्स ने निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। चॉइस ब्रोकिंग के इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट मंदार भोजाने ने निवेशकों को अमेरिकी नीति में अनिश्चितता को देखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “ट्रंप का रुख रातोंरात बदल सकता है। 22,800 के करीब गिरावट पर स्टॉप-लॉस के साथ खरीदारी करना उचित है। अगर कमजोरी बनी रहती है तो 23,200-23,366 के रेजिस्टेंस जोन के पास बेचने पर विचार करें।”
वहीं पाइनट्री मैक्रो के फाउंडर रितेश जैन ने कहा कि “हालांकि अमेरिकी घटनाक्रम शुरुआती संकेतों को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन भारतीय बाजार की चाल अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और घरेलू फैक्टर्स से ज्यादा जुड़ी है। भारत में सोने की कीमतें फिर से नई ऊंचाई पर हैं।”
एक्सिस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड, अक्षय चिंचालकर ने कहा, “निफ्टी के लिए तत्काल सपोर्ट 22,800–22,900 के बीच है, जबकि रेजिस्टेंस 23,200–23,366 पर दिखाई दे रहा है। अगर निफ्टी 23,000 के ऊपर टिकता है, तो और तेजी की संभावना बन सकती है।”
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