चाहे वो Pegasus जैसे एडवांस्ड टूल हों या फिर किसी थर्ड पार्टी ऐप से आया लोकल मैलवेयर, खतरा असली है। लेकिन सवाल ये है कि आप कैसे जानें कि आपके फोन में कुछ गड़बड़ चल रही है?
1. फोन की परफॉर्मेंस अचानक धीमी हो जाए तो सतर्क हो जाएं
अगर आपका फोन बिना किसी भारी ऐप या अपडेट के अचानक स्लो हो गया है, या बैटरी जरूरत से ज्यादा ड्रेन हो रही है, तो ये किसी बैकग्राउंड प्रोसेस यानी स्पायवेयर का काम हो सकता है।
2. अनजान ऐप्स दिखें या कैमरा/माइक्रोफोन बिना वजह एक्टिव हो
कुछ स्पायवेयर ऐप्स अपने आइकन छुपा लेते हैं, लेकिन सेटिंग्स में जाकर अगर आप इंस्टॉल ऐप्स की पूरी लिस्ट देखें तो शक की सुई किसी अनजान नाम पर जा सकती है। साथ ही, अगर कैमरा या माइक्रोफोन अचानक ऑन हो जाए, बिना आपके इस्तेमाल के, तो ये सीरियस रेड फ्लैग है।
3. डेटा यूसेज अचानक बढ़ जाए, खासकर जब फोन यूज में न हो
अगर आप फोन यूज नहीं कर रहे फिर भी डेटा बहुत ज्यादा खर्च हो रहा है, हो सकता है स्पायवेयर आपकी फाइल्स, लोकेशन या ऑडियो क्लिप कहीं भेज रहा हो।
4. SMS या ईमेल में अजीब लिंक या OTP रिक्वेस्ट आएं
फिशिंग अटैक्स या स्पायवेयर ट्रिगर होने के बाद फोन पर OTP रिक्वेस्ट, अनजान लॉगिन्स या लिंक वाले मैसेज आना शुरू हो सकते हैं। इनमें क्लिक न करें और अलर्ट हो जाएं।
कैसे करें डिटेक्ट? कुछ टूल्स जो मदद कर सकते हैं
- हाल ही में भारत सरकार की CERT-In डिपार्टमेंट ने भी कुछ अहम बॉट रिमूवल टूल्स जारी किए थे, जो मोबाइल, लैपटॉप आदि में इंस्टॉल किए जा सकते हैं। ये टूल्स iOS और Android डिवाइस के बैकअप स्कैन करके स्पायवेयर के ट्रेसेज ढूंढ सकते हैं।
- Malwarebytes, Avast Mobile Security जैसे ऐप्स भी एंड्रॉयड यूजर्स के लिए मददगार हो सकती हैं।
- Android यूजर्स Play Protect ऑप्शन को ऑन रखें और गूगल प्ले से बाहर किसी भी APK फाइल को डाउनलोड या इंस्टॉल करने से बचें।
कैसे बचें? कुछ आसान लेकिन असरदार सावधानियां
- किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, चाहे वो SMS में आए या WhatsApp पर।
- हर ऐप को जरूरत से ज्यादा परमिशन न दें, खासकर कैमरा, माइक, लोकेशन जैसी।
- पब्लिक Wi-Fi से कनेक्ट करते वक्त VPN यूज करें।
- फोन का OS और ऐप्स हमेशा अपडेट रखें, क्योंकि इन्हीं अपडेट्स में सिक्योरिटी फिक्सेस आते हैं।
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