अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को छोड़कर अन्य देशों को रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर 90 दिन की राहत दी है। उन्होंने कहा है कि इन 90 दिनों के दौरान उन देशों पर केवल 10 प्रतिशत का टैरिफ लगेगा। वहीं चीन की ओर से अमेरिकी सामानों पर 10 अप्रैल से 84 प्रतिशत टैरिफ की नई घोषणा के बाद ट्रंप ने तुरंत प्रभाव से चीन पर अमेरिकी टैरिफ को 104 प्रतिशत से बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है।
ट्रंप की ओर से अन्य देशों को दी गई 90 दिन की राहत से अमेरिकी बाजारों में शानदार रैली आई है। Gift Nifty में 500 अंकों की तेजी दिखी। CNBC के मुताबिक, कारोबार के दौरान S&P 500 ने 8% की छलांग लगाई। यह 5 वर्षों में एक दिन में सबसे बड़ी बढ़त की ओर आगे बढ़ रहा है। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 2660 अंक या 6.8% बढ़ा। यह 2020 के बाद से इसका सबसे बड़ा गेन है। नैस्डैक कंपोजिट 9.9% उछला है। बुधवार दोपहर को एप्पल के शेयरों में 11% और एनवीडिया के शेयरों में 13% से अधिक की तेजी आई। वॉलमार्ट के शेयरों में 9.7% की तेजी आई। बुधवार को कारोबार शुरू होने पर S&P 500 और डॉव जोन्स लाल निशान में खुले थे। वहीं नैस्डेक कंपोजिट शुरू से ही हरे निशान में रहा।
अमेरिका की ओर से चीन पर नए टैरिफ बढ़ाकर 104 प्रतिशत किए जाने के बाद चीन ने 10 अप्रैल से अमेरिकी सामानों पर 34 प्रतिशत की बजाय 84 प्रतिशत का टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यूरोपियन यूनियन ने भी अमेरिकी सामानों पर टैरिफ को मंजूरी दे दी है और ये अगले सप्ताह 15 अप्रैल से लागू होना शुरू हो जाएंगे।
‘यह खरीदारी के लिए एक बढ़िया समय’
बुधवार को अमेरिकी शेयर बाजार खुलने के तुरंत बाद ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में निवेशकों से शांत रहने का आग्रह किया। उन्होंने लिखा, ‘शांत रहें! सब कुछ ठीक हो जाएगा। अमेरिका पहले से कहीं ज्यादा बड़ा और बेहतर होगा।’ एक दूसरी पोस्ट में उन्होंने कहा कि यह खरीदारी के लिए एक बढ़िया समय है।
कनाडा ने मंगलवार को अमेरिका में बने व्हीकल्स पर 25% का जवाबी टैरिफ लागू करने की योजना को कनफर्म किया था। इसमें वे व्हीकल शामिल हैं, जो संयुक्त राज्य अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते के तहत नहीं आते हैं।
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कच्चा तेल 7 प्रतिशत से ज्यादा टूटा
दुनिया भर में ट्रेड वॉर छिड़ने के कारण अमेरिका के कच्चे तेल में लगभग 7.5% की गिरावट आई है। अमेरिकी बेंचमार्क ने इंट्राडे में 55.12 डॉलर प्रति बैरल का निचला स्तर छुआ, जबकि वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट सत्र के दौरान अपने सबसे निचले स्तर 58.40 डॉलर पर आ गया। पिछले बुधवार को अमेरिका की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा किए जाने के बाद से अब तक तेल की कीमतों में 20% से अधिक की गिरावट आ चुकी है।
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