Stock Tips: क्रॉयोजेनिक इक्विपमेंट बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी आईनॉक्स इंडिया के शेयर ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ की आंच में इस हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन बुरी तरह झुलसे थे। हालांकि जेएम फाइनेंशियल के मुताबिक इस गिरावट को खरीदारी के मौके के तौर पर देखना चाहिए। 3 अप्रैल की अपनी रिपोर्ट में ब्रोकरेज ने इसे खरीदने की सलाह दी है। शुक्रवार 4 अप्रैल को बीएसई पर यह 2.37 फीसदी की गिरावट के साथ 994.05 रुपये के भाव पर बंद हुआ था। इंट्रा-डे में यह 5.16 फीसदी टूटकर 965.70 रुपये के भाव तक आ गया था।
INOX India की कवरेज क्यों शुरू की JM Financial ने?
क्रॉयोजेनिक इक्विपमेंट बनाने के मामले में आईनॉक्स इंडिया देश की सबसे बड़ी कंपनी है और अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी से करीब चार गुना बड़ी है। इसका कारोबार इंडस्ट्रियल गैस, एलएनजी और क्रायो साइंटिफिक डिविजन (CSD) में फैला हुआ है जिसमें से इंडस्ट्रियल गैस से वित्त वर्ष 2024 में 63 फीसदी का रेवेन्यू हासिल हुआ था। ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल के मुताबिक इंडस्ट्रियल गैस स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन में ग्रोथ के बेहतरीन मौकों और एलएनजी और सीएसडी के ऑर्डर्स के दम पर वित्त वर्ष 2024-27 के बीच इसका EPS (प्रति शेयर कमाई) सालाना आधार पर 16 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) और RoE (रिटर्न ऑन इक्विटी) 30 फीसदी के सीएजीआर से बढ़ सकता है।
इन सब बातों को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म ने इसकी खरीदारी की रेटिंग के साथ कवरेज शुरू की है और टारगेट प्राइस 1240 रुपये पर फिक्स किया है। हालांकि यह तेजी तभी आएगी, जब सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के लिए जो माहौल है, वह बना रहे, इसके साथ ही ट्रक फ्यूल के लिए एलएनजी की मांग बढ़ती रहे और केग्स (लिक्विड स्टोर करने वाला बर्तन) बिजनेस भी मजबूत रहे। अब निवेश को लेकर रिस्क की बात करें तो नए एरियाज में रेगुलेटरी मंजूरी न मिले, नियामकीय कार्रवाई हो, वैश्विक स्तर पर मौजूदा अनिश्चितता के चलते कोई ऑर्डर कैंसल हो जाए या देरी हो जाए; इसके कारोबार को झटका दे सकते हैं।
एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल?
आईनॉक्स इंडिया के शेयर पिछले साल 8 जुलाई 2024 को 1507.20 रुपये पर थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई लेवल है। शेयरों की यह तेजी यहीं थम गई और इस हाई लेवल से सात महीने में यह 41 फीसदी से अधिक फिसलकर 19 फरवरी 2025 को 884.65 रुपये के भाव पर आ गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है। निचले स्तर पर शेयर संभले और खरीदारी के दम पर करीब 12 फीसदी रिकवर हुए लेकिन अब भी एक साल के हाई से यह करीब 34 फीसदी डाउनसाइड है। अब आगे भी तेजी को देखें तो ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक फिलहाल 25 फीसदी रिकवरी की गुंजाइश और दिख रही है।
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