Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि 2025 एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है, जो 30 मार्च 2025 से 7 अप्रैल 2025 तक मनाया जाएगा. इस दौरान देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है और सात्विक आहार ग्रहण करने की परंपरा होती है. लेकिन क्या नॉनवेज खाना वाकई वर्जित है? यह धार्मिक आस्था से जुड़ा है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी है? आइए इस विषय को तथ्यात्मक और शोधपरक दृष्टिकोण से समझते हैं.
धार्मिक कारण: नवरात्रि में शुद्धता और सात्विकता का महत्व
1. देवी दुर्गा की पूजा और आध्यात्मिक शुद्धता
- नवरात्रि को साधना और भक्ति का समय माना जाता है. इस दौरान शरीर और मन की शुद्धि के लिए सात्विक आहार ग्रहण करने की परंपरा है.
- हिंदू धर्म में माना जाता है कि देवी को प्रसन्न करने के लिए हमें अपने खान-पान और आचरण को भी शुद्ध रखना चाहिए.
2. अहिंसा और करुणा का संदेश
- नवरात्रि के दौरान अहिंसा का पालन करना एक प्रमुख नियम है. चूंकि मांसाहार जीव हत्या से जुड़ा है, इसलिए इसे त्यागना आवश्यक माना जाता है.
- हिंदू धर्म में नवरात्रि आत्मसंयम का पर्व है, जिसमें शाकाहार को प्राथमिकता दी जाती है.
3. पवित्रता और व्रत के नियम
- नवरात्रि में व्रत रखने वालों को शुद्धता बनाए रखने के लिए लहसुन-प्याज भी नहीं खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि वे तामसिक खाद्य पदार्थ माने जाते हैं.
- मांस, मछली और अंडे को तामसिक आहार की श्रेणी में रखा गया है, जिससे मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रभावित होती है.
वैज्ञानिक कारण: मांसाहार से बचना क्यों फायदेमंद है?
1. मौसम परिवर्तन और पाचन तंत्र पर असर
- नवरात्रि आमतौर पर गर्मी की शुरुआत या सर्दी के अंत में आती है. हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि इस दौरान शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा होता है, जिससे भारी और तामसिक भोजन पचाना कठिन हो सकता है.
- नॉनवेज भोजन में अधिक प्रोटीन और फैट होते हैं, जिन्हें पचाने में अधिक ऊर्जा लगती है और इससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
2. डिटॉक्सिफिकेशन (शरीर की शुद्धि)
- सात्विक भोजन शरीर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करने में मदद करता है. फल, सब्जियां, दूध और अनाज से युक्त भोजन शरीर को हल्का और ऊर्जावान बनाए रखता है.
- नॉनवेज खाने से शरीर में यूरिक एसिड और टॉक्सिन्स बढ़ सकते हैं, जिससे आलस्य और मानसिक अस्थिरता हो सकती है.
3. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
- सात्विक आहार में मौजूद विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं.
- नवरात्रि में हल्का और सात्विक भोजन लेने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और बीमारियों से बचाव होता है.
ज्योतिषीय कारण: ग्रहों और ऊर्जा पर प्रभाव
- नवरात्रि के दौरान सूर्य, चंद्रमा और अन्य ग्रहों की स्थिति ऊर्जा स्तरों को प्रभावित करती है.
- ज्योतिष के अनुसार, नवरात्रि के नौ दिन ऊर्जा संतुलन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. इस दौरान सात्विक भोजन ग्रहण करने से मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा उच्च स्तर पर बनी रहती है.
- मांसाहार से राहु और केतु जैसे ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव बढ़ सकता है, जिससे मन में अशांति और नकारात्मकता उत्पन्न हो सकती है.
क्या नॉनवेज खाना सही होगा?
नवरात्रि में नॉनवेज से बचने के प्रमुख कारण:
- धार्मिक शुद्धता: देवी दुर्गा की पूजा में सात्विकता जरूरी.
- आध्यात्मिक उन्नति: मांसाहार से तामसिक प्रवृत्ति बढ़ती है.
- पाचन स्वास्थ्य: भारी भोजन पचाने में कठिनाई.
- डिटॉक्सिफिकेशन: शरीर की शुद्धि के लिए सात्विक आहार जरूरी.
ज्योतिषीय ऊर्जा संतुलन: ग्रहों के प्रभाव को सही बनाए रखना.
- नवरात्रि में नॉनवेज न खाना केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और ऊर्जा संतुलन के लिए भी आवश्यक है.
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