अमेरिका का रेसिप्रोकल टैरिफ 2 अप्रैल से लागू हो जाएगा। इसका असर इंडिया सहित दुनियाभर की कंपनियों के बिजनेस पर पड़ेगा। कुछ सेक्टर की कंपनियों पर इसका ज्यादा तो कुछ सेक्टर की कंपनियों के कारोबार पर इसका कम असर पड़ने की उम्मीद है। स्टॉक इनवेस्टर्स के लिए टैरिफ से जुड़ी खबरों पर नजर रखनी जरूरी है। इंडिया में उन कंपनियों पर ज्यादा असर पड़ेगा, जो अमेरिकी मार्केट में अपने प्रोडक्ट्स का निर्यात करती हैं।
इंडियन फॉर्मा कंपनियों की अमेरिका में धाक
फार्मा ऐसा सेक्टर है, जिसमें कई इंडियन कंपनियों की धाक अमेरिका सहित कई देशों में है। इंडियन फार्मा कंपनियां अमेरिकी मार्केट में काफी ज्यादा एक्सपोर्ट करती हैं। इसलिए रेसिप्रोकल टैरिफ का असर फार्मा कंपनियों के बिजनेस पर पड़ सकता है। अमेरिका दवाओं पर जीरो ड्यूटी लगाता है, जबकि इंडिया दवाओं पर करीब 10 फीसदी ड्यूटी लगाता है।
इंडियन कंपनियों की दवाएं अमेरिका में महंगी हो जाएंगी
इसका मतलब है कि इंडिया में बनी दवाओं पर 10 फीसदी ड्यूटी लगने से ये अमेरिकी बाजार में महंगी हो जाएंगी। इसका असर उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता पर पड़ेगा। एनालिस्ट्स का कहना है कि निवेशकों को Sun Pharma, Cipla और Lupin जैसी कंपनियों के शेयरों पर नजर रखने की जरूरत है।
जेम्स एंड ज्वैलरी कंपनियों का रेवेन्यू घट सकता है
जेम्स एंड ज्वैलरी कंपनियों पर भी रेसिप्रोकल टैरिफ का असर पड़ने का अनुमान है। इंडियन कंपनियां अमेरिका को काफी ज्यादा जेम्स एंड ज्वैलरी का एक्सपोर्ट करती हैं। अगर इन कंपनियों के इंपोर्ट पर अमेरिका ज्यादा ड्यूटी लगाता है तो उनके एक्सपोर्ट पर असर पड़ेगा। इससे उनका रेवेन्यू घट सकता है। Malabar Gold and Diamond, Renaissance Jewellery, Rajesh Exports और Kalyan Jewellers जैसी कंपनियों के रेवेन्यू पर असर पड़ सकता है।
इंडियन ऑटो कंपोनेंट्स कंपनियों को लग सकता है बड़ा झटका
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह ऑटोमोबाइल्स और ऑटो पार्ट्स पर 25 फीसदी ड्यूटी लगाएंगे। इसका बड़ा असर इंडियन ऑटो कंपोनेंट्स कंपनियों पर पड़ेगा। इंडिया की कई ऑटो कंपोनेंट कंपनियां अमेरिका की दिग्गज ऑटो कंपनियों को कंपोनेंट्स् का एक्सपोर्ट करती हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि उन कंपनियों पर ज्यादा असर पड़ेगा, जिनकी अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स नहीं हैं।
अमेरिका में उत्पादन करने वाली इंडियन कंपनियों पर कम असर
Bharat Forge और Sona BLW का 30-40 फीसदी रेवेन्यू अमेरिका से आता है। हालांकि, उन कंपनियों पर कम असर पड़ेगा, जिनकी अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। इनमें Sona Comstar, Bharat Forge, Motherson group, TVS Holdings और JK Fenner शामिल हैं।
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