Earthquake in Nepal: नेपाल के उत्तर-पश्चिमी हुमला जिले में बुधवार शाम को भूकंप का हलका झटका महसूस किया गया, हालांकि इसमें किसी प्रकार के नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है. राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप का यह झटका शाम सात बजकर 44 मिनट पर महसूस किया गया. इसकी तीव्रता 4.5 मापी गयी.
केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र काठमांडू से 425 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित हुमला जिले के कालिका क्षेत्र में था. केंद्र के अनुसार, शाम छह बजकर 27 मिनट पर भी भूकंप का झटका महसूस किया गया. इसकी तीव्रता 5.5 मापी गई और इसका केंद्र तिब्बत के टिंगरी काउंटी में था, जिसे काठमांडू में भी महसूस किया गया.
पहले भी आया था भूकंप
नेपाल में इससे पहले 28 फरवरी को भूकंप आया था. नेपाल में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.5 थी. हालांकि इस दौरान भी कोई नुकसान नहीं हुआ था. इस भूकंप का केंद्र बागमती था.
नेपाल के विनाशकारी भूकंप की यादें फिर हुई ताजा
नेपाल दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है और यह भूकंपीय क्षेत्र IV और V में आता है. इसलिए यहां कई इलाकों में भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है. साल 2015 में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप में 9,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जबकि दस लाख से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गई थीं.
भूकंप क्यों आते हैं?
वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारी धरती की सतह सात बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है. ये प्लेटें लगातार गति में रहती हैं और अक्सर आपस में टकराती हैं. इस टकराव से प्लेटों के किनारे मुड़ सकते हैं या अत्यधिक दबाव के कारण टूट सकते हैं. जब ऐसा होता है तो जमीन के अंदर जमा हुई ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है. यही ऊर्जा जब सतह तक पहुंचती है तो भूकंप उत्पन्न होता है.
भूकंप आने पर क्या करें?
- शांत रहें और घबराएं नहीं.
- किसी मजबूत चीज के नीचे छुपें, जैसे टेबल या बेड के नीचे और अपने सिर व गर्दन को ढकें.
- दरवाजों, खिड़कियों और कांच से दूर रहें क्योंकि ये टूटकर चोट पहुंचा सकते हैं.
- अगर बाहर हैं तो खुली जगह पर चले जाएं और इमारतों, पेड़ों, बिजली के खंभों से दूर रहें.
- सीढ़ियों या लिफ्ट का इस्तेमाल न करें क्योंकि भूकंप के दौरान वे असुरक्षित हो सकते हैं.
- गाड़ी चला रहे हों तो सड़क के किनारे रोक दें, लेकिन पुल, फ्लाईओवर या पेड़ों के नीचे न रुकें.
- भूकंप रुकने के बाद भी सावधानी बरतें, आफ्टरशॉक्स (झटके) आ सकते हैं.
- रेडियो या मोबाइल के जरिए आपातकालीन जानकारी प्राप्त करें और अफवाहों पर विश्वास न करें.
- यदि कोई घायल है तो प्राथमिक उपचार करें और जरूरत पड़ने पर मदद के लिए संपर्क करें.
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