Chaitra Navratri 2025 mata rani coming riding on an elephant

Mata ki sawari: हिंदू धर्म में नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण होती है. नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की पहली तारीख से शुरू होती है.आइए जानते हैं, क्या है इसका महत्व और किस वाहन पर आएंगी माता रानी.

चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर साल खासतौर पर मां दुर्गा की पूजा और व्रत के लिए मनाया जाता है. इस नवरात्रि में भक्ति, साधना और परिवार के साथ समय बिताने से प्रेम और दया के साथ-साथ सुख और समृद्धि का अहसास भी होता है. इस साल चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से शुरू हो रही है. यह त्योहार हिंदू धर्म में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की पहली तारीख से होती है.  
  
चैत्र नवरात्रि का महत्व (Chaitra Navratri 2025 Importance)

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है. इस दौरान व्रत रखने से इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में खुशहाली आती है. मां दुर्गा की पूजा से मन को शांति मिलती है और शरीर व आत्मा की शुद्धि होती है.

किस वाहन पर आएंगी माता रानी:

चैत्र नवरात्रि हर साल श्रद्धा और उत्साह से मनाई जाती है, लेकिन इस साल खास बात यह है कि मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. हिंदू धर्म में देवी की सवारी का विशेष महत्व होता है, और हाथी पर आना शुभ संकेत माना जाता है. दरअसल नवरात्रि की शुरुआत जब रविवार के दिन होती है तो मां का वाहन हाथी होता है.
 
नवरात्रि 2025 में माता दुर्गा की सवारी हाथी पर होगी. यह एक महत्वपूर्ण घटना है जो नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा की पूजा और आराधना के लिए की जाती है. हाथी एक शक्तिशाली और विशाल जानवर है, जो माता दुर्गा की शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक है.

यह भी पढ़ें:  Qutub Minar: कुतुबुद्दीन ऐबक नहीं बल्कि कुतुब मीनार का नाम इस सूफी संत के नाम पर रखा गया था
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Read More at www.abplive.com