Bihar Assembly Elections 2025 Seat fixed for CM Nitish Kumar Close Leader Manish Verma to Contest Vidhan Sabha Chunav

Bihar Assembly Election 2025: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एक तरफ जहां पार्टियां तैयारी कर रहीं हैं वहीं दूसरी ओर नेता भी अपनी सीट खोजने लगे हैं. कौन सीट किसके लिए फिट बैठेगी यह सोचा जाने लगा है. खबर है कि जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय महासचिव मनीष कुमार वर्मा (Manish Kumar Verma) भी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. सूत्रों ने यह दावा किया है. 

हालांकि यह कोई बड़ी बात नहीं है. मनीष कुमार वर्मा सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले से आते हैं. मनीष कुमार वर्मा का जन्म बिहार शरीफ के खंडकपर में हुआ था. इनके पिता एक डॉक्टर थे. खुद मनीष वर्मा आईएएस रहे हैं और अब राजनीति में एंट्री कर चुके हैं. मनीष वर्मा को नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में से एक माना जाता है. 

क्षेत्र की सात में से पांच सीटों पर जेडीयू का कब्जा

मनीष वर्मा का पैतृक घर बिहार शरीफ विधानसभा अंतर्गत आता है लेकिन इसके पास में ही अस्थावां विधानसभा क्षेत्र है. नालंदा की बात करें तो इस क्षेत्र में कुल सात विधानसभा सीटें हैं. इस्लामपुर सीट पर आरजेडी का कब्जा है. बिहार शरीफ विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. बाकी की पांच सीटों पर जेडीयू कोटे का कब्जा है. पिछले कुछ दिनों पहले मनीष वर्मा जिले के कई इलाके गए थे. लोगों से मिले थे. उनकी समस्या सुनी थी. इसके बाद से यह कयास लगाया जा रहा कि मनीष वर्मा किसी एक विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे. सीट कोई भी हो लेकिन यह तय है कि वे चुनाव लड़ते हैं तो नालंदा का ही कोई इलाका होगा.

सातों सीट, पार्टी और वहां के विधायकों की लिस्ट देखें

  • अस्थावां- डॉ. जितेंद्र कुमार- जेडीयू
  • राजगीर- कौशल किशोर- जेडीयू
  • हिलसा- कृष्ण मुरारी शरण- जेडीयू
  • नालंदा- श्रवण कुमार- जेडीयू 
  • हरनौत- हरिनारायण सिंह- जेडीयू
  • बिहार शरीफ- डॉ. सुनील कुमार- बीजेपी
  • इसलामपुर- राकेश कुमार रौशन- आरजेडी

कुर्मी जाति से आते हैं… पिछले साल पार्टी में हुए थे शामिल

बता दें कि मनीष कुमार वर्मा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरह ही कुर्मी जाति से आते हैं. पिछले साल (2024) जुलाई में वे पार्टी में शामिल हुए थे. उन्हें राष्ट्रीय महासचिव के पद पर नियुक्त किया गया था. नालंदा जैसे जिसे क्षेत्र से मनीष वर्मा आते हैं उधर जेडीयू की पकड़ अच्छी है. ऐसे में वे चुनाव लड़ते हैं तो जीत की संभावना ज्यादा है. जातीय समीकरण में भी वे फिट बैठते हैं. 

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