weather change after solar eclipse 2025 heatwave record will be broken this year

Weather Prediction: वर्ष 2025 का संवत्सर हिंदू पंचांग के अनुसार अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इस वर्ष के राजा और मंत्री, दोनों ही सूर्य हैं. यह एक दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग है, जिसे लेकर धार्मिक ग्रंथों और ज्योतिषियों में विशेष चर्चा हो रही है. इस स्थिति को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या इसी कारण 2025 में असामान्य रूप से तापमान में वृद्धि देखी जा रही है? ज्योतिषीय गणना और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आइए जानते हैं-

राजा और मंत्री दोनों सूर्य: क्या होता है इसका अर्थ?

इस वर्ष यानि 2025 का राजा और मंत्री दोनों ही सूर्य होंगे, जो अत्यंत दुर्लभ संयोग है. जिस प्रकार से अभी से ही देश के कई इलाकों का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है उससे लगने लगा है कि इस साल सूरज के तेवर कमजोर पड़ने वाले नहीं हैं. आने वाले दिनों में तेजी से तापमान में बढ़ोत्तरी हो सकती है. सूर्य ग्रहण के बाद तापमान में तेजी से बदलाव के संकेत मिल रहे हैं, इस वर्ष साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को लग रहा है.

  • राजा (सत्ता का प्रतीक): राजा का पद ग्रहों के प्रभाव से मौसम, शासन व्यवस्था और समाज पर पड़ने वाले प्रभावों को दर्शाता है. जब सूर्य राजा होता है, तो यह उग्रता, ऊर्जा और गर्मी को बढ़ाने वाला माना जाता है.
  • मंत्री (नीतियों का कारक): मंत्री ग्रह शासन व्यवस्था, कृषि, व्यापार और समाज पर प्रभाव डालता है. जब मंत्री भी सूर्य हो, तो उसकी नीतियाँ कठोर और प्रभावशाली होती हैं.

इस संयोग का संकेत है कि 2025 में सूर्य का प्रभाव अधिक रहेगा, जिससे तेज गर्मी, सूखा, और राजनीतिक हलचल बढ़ सकती है.

इतिहास में जब-जब सूर्य राजा और मंत्री बने, तब क्या हुआ?

ज्योतिषीय ग्रंथों के अनुसार, जब-जब सूर्य राजा और मंत्री हुए हैं, तब-तब पृथ्वी पर उग्र मौसम और सामाजिक उथल-पुथल देखने को मिली है-

  • वर्ष 1942: इस दौरान भी सूर्य का प्रभाव अधिक था, और भारत सहित कई देशों में असामान्य गर्मी दर्ज की गई. इसके अलावा, द्वितीय विश्व युद्ध के कारण वैश्विक उथल-पुथल भी चरम पर थी.
  • वर्ष 1987: इस वर्ष भीषण गर्मी के साथ-साथ भारत में राजनीतिक अस्थिरता देखने को मिली थी.
  • वर्ष 2005: इस दौरान सूर्य की अधिक ऊर्जा के कारण गर्मी और जलवायु परिवर्तन की चरम स्थिति बनी थी.
  • वर्ष 2010: इस वर्ष भी सूर्य राजा और मंत्री बने थे, जिसके परिणामस्वरूप रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और सूखा देखा गया था.

तापमान बढ़ने के कारण ?

  • सूर्य का प्रभाव: राजा और मंत्री दोनों ही सूर्य होने के कारण अग्नि तत्व प्रबल होगा, जिससे गर्मी असामान्य रूप से बढ़ सकती है.
  • मंगल और सूर्य का संयोग: यदि वर्ष में कहीं सूर्य और मंगल एक साथ आते हैं, तो तापमान और भी अधिक बढ़ सकता है. 2025 में ऐसा संयोग कुछ महीनों के दौरान बन रहा है, जो उष्णता में वृद्धि कर सकता है.
  • मीन राशि में ग्रहों की युति: वर्ष 2025 में मीन राशि में शनि, गुरु और सूर्य की विशेष युति बनने वाली है, जो जलवायु परिवर्तन को तीव्र कर सकती है. मीन राशि जल तत्व से संबंधित है, इसलिए समुद्रों और नदियों में जलस्तर में वृद्धि और चक्रवात जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं. भूकंप, समुद्री तूफान और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बढ़ सकती है.
  • 2025 में एल-नीनो प्रभाव अधिक हो सकता है. गहरे समुद्र में हलचल बढ़ सकती है. भारत के कई इलाकों में जल स्तर में भारी गिरावट आ सकती है.

2025 में सबसे गर्म महीने और नौतपा का प्रभाव

नौतपा (25 मई – 2 जून 2025)

नौतपा के दौरान सूर्य की स्थिति पृथ्वी के सबसे नजदीक होती है, जिससे तापमान में अत्यधिक वृद्धि होती है. 2025 में नौतपा का प्रभाव विशेष रूप से तीव्र हो सकता है, कह सकते हैं ये 9 दिन अधिक कष्टकारी हो सकते हैं इस वर्ष, क्योंकि:-

  • सूर्य और मंगल की युति होगी, जिससे तापमान 48-50 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है.
  • उत्तर भारत, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में लू चलने की संभावना अधिक होगी.

2025 में सबसे गर्म रहने वाले संभावित महीने








महीना संभावित तापमान वृद्धि प्रभाव
अप्रैल 2025 सामान्य से 3-5°C अधिक सूखा, कृषि पर प्रभाव
मई 2025 अत्यधिक गर्मी (45-50°C) लू, जल संकट
जून 2025 रिकॉर्ड गर्मी और नौतपा प्रभाव स्वास्थ्य समस्याएं, चक्रवात
जुलाई 2025 असामान्य रूप से गर्म मानसून वर्षा में अनियमितता

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य का प्रभाव

धार्मिक ग्रंथों में सूर्य को सृष्टि की आत्मा कहा गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार: “सूर्योदयं तं नमस्यामो देवाः” (अथर्ववेद) – सूर्य देवता को प्रणाम करने से ऊर्जा और जीवन शक्ति मिलती है.

“रवि: सर्वात्मका: प्रोक्त: सर्वलोकप्रदीपन:” (बृहत संहिता) – सूर्य समस्त लोकों को प्रकाशित करने वाला है और इसकी उग्रता संपूर्ण सृष्टि पर प्रभाव डालती है. सूर्य के प्रभाव से राजनीतिक हलचल भी तेज हो सकती है, जिससे सरकारों और प्रशासनिक व्यवस्था में कड़े फैसले देखने को मिल सकते हैं. शीर्ष पर बैठे लोगों को सोच समझकर निर्णय लेने होंगे.

सूर्य के उपाय

अगर कुंडली में सूर्य का अशुभ प्रभाव अधिक हो, तो इन उपायों को करके सूर्य की शुभता में वृद्धि की जा सकती है-

  • सूर्य देव को अर्घ्य दें – प्रतिदिन प्रातःकाल तांबे के पात्र से जल चढ़ाएं.
  • गायत्री मंत्र का जाप करें – “ॐ भूर् भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं. भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥”
  • शीतलता प्रदान करने वाले कार्य करें – अधिक पानी पिएं, सफेद वस्त्र धारण करें और पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाएं.
  • नौतपा में प्याऊ लगवाएं. पशु-पक्षी और जानवरों के लिए जल की व्यवस्था करें.
  • जल की बचत के लिए लोगों को प्रेरित करें.
  • अधिक से अधिक पौधा रोपण करें.
  • पिता, ऑफिस में बॉस के प्रति आदर भाव रखें.

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