Sheetala Ashtami 2025 Puja Samagri Bhog Niyam to avoid health problem

शीतला अष्टमी या सप्तमी को बासोड़ा कहा जाता है. इस दिन घर में ताजा भोजन नहीं बनाना चाहिए, बल्कि एक दिन पहले ही भोजन तैयार कर लेना चाहिए. इस दिन भोग में किसी भी तरह का गर्म भोजन न शामिल करें. इससे व्रती को दोष लगता है.

शीतला अष्टमी या सप्तमी को बासोड़ा कहा जाता है. इस दिन घर में ताजा भोजन नहीं बनाना चाहिए, बल्कि एक दिन पहले ही भोजन तैयार कर लेना चाहिए. इस दिन भोग में किसी भी तरह का गर्म भोजन न शामिल करें. इससे व्रती को दोष लगता है.

धार्मिक मान्यता है कि शीतला माता की पूजा में अगरबत्ती और दीपक प्रज्वलित नहीं करना चाहिए.

धार्मिक मान्यता है कि शीतला माता की पूजा में अगरबत्ती और दीपक प्रज्वलित नहीं करना चाहिए.

शीतला माता की पूजा करने वाली महिलाओं को इस दिन ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए. गर्म पानी का प्रयोग न करें. चूल्हा न जलाएं.

शीतला माता की पूजा करने वाली महिलाओं को इस दिन ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए. गर्म पानी का प्रयोग न करें. चूल्हा न जलाएं.

शास्त्रों के अनुसार शीतला मां का पूजन करने से चेचक, खसरा, बड़ी माता, छोटी माता जैसी बीमारियां नहीं होती और अगर ऐसा हो भी जाए तो उससे जल्दी ही छुटकारा मिलता है.

शास्त्रों के अनुसार शीतला मां का पूजन करने से चेचक, खसरा, बड़ी माता, छोटी माता जैसी बीमारियां नहीं होती और अगर ऐसा हो भी जाए तो उससे जल्दी ही छुटकारा मिलता है.

शीतला माता की पूजा वाले दिन चक्की न चलाएं, न ही सिलाई, बुनाई, कड़ाई का काम  करें. नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल करना भी वर्जित है.

शीतला माता की पूजा वाले दिन चक्की न चलाएं, न ही सिलाई, बुनाई, कड़ाई का काम करें. नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल करना भी वर्जित है.

हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को बसोड़ा पूजन किया जाता है. इस साल शीतला सप्तमी 21 मार्च और शीतला अष्टमी 22 मार्च 2025 को है.

हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को बसोड़ा पूजन किया जाता है. इस साल शीतला सप्तमी 21 मार्च और शीतला अष्टमी 22 मार्च 2025 को है.

Published at : 18 Mar 2025 08:27 AM (IST)

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