sleeping pattern can have a good or bad effect on your health read full article in hindi

अगर नहीं आती है तो पूरी रात उसे बुलाने में निकल जाती है और फिर अगली सुबह इसका असर देखने को मिलता है. इंसान किसी भी काम पर ध्यान नहीं दे पाता. हालांकि, 10-20 साल पहले तक नींद को इतनी गंभीरता से नहीं लिया जाता था लेकिन समय के साथ जीवनशैली बदली और इस भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण जिंदगी में स्वस्थ रहने के लिए नींद का महत्व बढ़ गया.

अगर नहीं आती है तो पूरी रात उसे बुलाने में निकल जाती है और फिर अगली सुबह इसका असर देखने को मिलता है. इंसान किसी भी काम पर ध्यान नहीं दे पाता. हालांकि, 10-20 साल पहले तक नींद को इतनी गंभीरता से नहीं लिया जाता था लेकिन समय के साथ जीवनशैली बदली और इस भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण जिंदगी में स्वस्थ रहने के लिए नींद का महत्व बढ़ गया.

जब हम जागते हैं तो दिमाग कितनी सक्रियता में होता है.लेकिन नींद के दौरान दिमाग की कोशिकाएं लयबद्ध तरंगें पैदा करती हैं जो दिमाग को साफ करती हैं क्योंकि दिनभर के काम की वजह से दिमाग में निकलने वाले रसायन शरीर में बदलाव लाते हैं.

जब हम जागते हैं तो दिमाग कितनी सक्रियता में होता है.लेकिन नींद के दौरान दिमाग की कोशिकाएं लयबद्ध तरंगें पैदा करती हैं जो दिमाग को साफ करती हैं क्योंकि दिनभर के काम की वजह से दिमाग में निकलने वाले रसायन शरीर में बदलाव लाते हैं.

आपको बता दें कि जब हम गहरी नींद में होते हैं तो शरीर का ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम इसकी मरम्मत करने लगता है. ये सारे काम नींद के दौरान अचेतन अवस्था में चलते रहते हैं जिससे शरीर ऑटो रिवर्स हो जाता है. इसलिए रोजाना 6 से 8 घंटे की नींद जरूरी है।.नींद पूरी न होने पर सबसे पहले इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है, 70% नेचुरल किलर सेल्स कम हो जाते हैं और एंटीबॉडीज का उत्पादन कम होने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

आपको बता दें कि जब हम गहरी नींद में होते हैं तो शरीर का ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम इसकी मरम्मत करने लगता है. ये सारे काम नींद के दौरान अचेतन अवस्था में चलते रहते हैं जिससे शरीर ऑटो रिवर्स हो जाता है. इसलिए रोजाना 6 से 8 घंटे की नींद जरूरी है।.नींद पूरी न होने पर सबसे पहले इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है, 70% नेचुरल किलर सेल्स कम हो जाते हैं और एंटीबॉडीज का उत्पादन कम होने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

नींद की कमी से इंसुलिन रेजिस्टेंस और स्ट्रेस हॉरमोन भी बढ़ते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिनों तक नींद में खलल पड़ने से एक स्वस्थ व्यक्ति प्री-डायबिटिक और फिर डायबिटिक हो जाता है. इसीलिए जागरूकता पैदा करने के लिए 'वर्ल्ड स्लीप डे' मनाया जाता है ताकि लोग अच्छी नींद ले सकें और नींद की अहमियत समझ सकें.

नींद की कमी से इंसुलिन रेजिस्टेंस और स्ट्रेस हॉरमोन भी बढ़ते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिनों तक नींद में खलल पड़ने से एक स्वस्थ व्यक्ति प्री-डायबिटिक और फिर डायबिटिक हो जाता है. इसीलिए जागरूकता पैदा करने के लिए ‘वर्ल्ड स्लीप डे’ मनाया जाता है ताकि लोग अच्छी नींद ले सकें और नींद की अहमियत समझ सकें.

अच्छी नींद पाने के लिए कई फॉर्मूले वायरल होते रहते हैं। लेकिन आज आप स्वामी रामदेव से जानेंगे कि कैसे प्रैक्टिकल और आसान तरीके से चैन की नींद पाएं और बीमारियों को दूर रखें.

अच्छी नींद पाने के लिए कई फॉर्मूले वायरल होते रहते हैं। लेकिन आज आप स्वामी रामदेव से जानेंगे कि कैसे प्रैक्टिकल और आसान तरीके से चैन की नींद पाएं और बीमारियों को दूर रखें.

हद से ज्यादा खर्राटे लेना सेहत के लिए काफी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. इससे नींद की कमी, हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढना और कई सारी दिक्कतें हो सकती है.

हद से ज्यादा खर्राटे लेना सेहत के लिए काफी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. इससे नींद की कमी, हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढना और कई सारी दिक्कतें हो सकती है.

Published at : 17 Mar 2025 08:31 AM (IST)

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